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लगभग दो लाख की आबादी हुई प्रभावित
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अब तक करीब 27,000 लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
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24,000 हेक्टेयर से अधिक खेत जलमग्न, कम से कम 20,000 लोग फंसे हुए हैं
भुवनेश्वर। ओडिशा में 237 गांव बाढ़ के कारण जलबंदी हो गये हैं, जबकि 1366 गांव और दो लाख की आबादी प्रबावित हुई है। अब तक 27 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि 20 हजार से अधिक लोगों के फंसे होने की खबर है। 24 हजार हेक्टेयर से अधिक खेत जलमग्न हो गये हैं। इस मौसम में चल रही बाढ़ ने महानदी बेसिन पर कहर बरपाया है, जिसमें कम से कम 20,000 लोग फंसे हुए हैं और 24,000 हेक्टेयर से अधिक खेत जलमग्न हैं। बाढ़ का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि गुरुवार दोपहर तक स्थिति गंभीर बनी हुई थी और अगले 24 घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने कहा कि इस आपदा से कुल मिलाकर दो लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि इस बाढ़ से 369 ग्राम पंचायतों के 1,366 गांव प्रभावित हुए हैं। ये पंचायतें महानदी बेसिन से लगे 10 बाढ़ प्रभावित जिलों के 49 ब्लॉक में आती हैं। अब तक करीब 27,000 लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है और कम से कम 237 गांव जलमग्न हो गये हैं।
जेना ने बताया कि स्थानीय प्रशासन 90 के आसपास मुफ्त रसोई चला रहा है, जो इन 10 जिलों में 27,000 से अधिक लोगों को भोजन प्रदान कर रहा है। प्रारंभिक आकलन से पता चला है कि लगभग 707 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसी तरह, 9 शहरी स्थानीय निकायों के 45 वार्ड प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ के अलावा 43 प्रखंडों की 175 पंचायतों के लगभग 353 गांवों में भारी बारिश हुई है। राहत और बचाव कार्य पूरी ताकत से चल रहा है।
अगले 24 घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण, सतर्क रहने की अपील की
विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने अगले 24 घंटे बाढ़ से बचने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसे लेकर मैंने जिलाधिकारियों को भी सतर्क किया है। इसके साथ ही मैंने आम जनता से गुरुवार दोपहर तक सतर्क रहने की अपील की है, क्योंकि इसके बाद ही बाढ़ का पानी समुद्र में प्रवेश करेगा। तब जाकर महानदी पर से बाढ़ का भार कम होगा।
कई जगहों पर सड़कें पानी में डूबीं
बाढ़ के पानी में कई जगहों पर सड़कें डूब गयी हैं। इससे वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है। कटक-संबलपुर के बीच सड़क संपर्क कट गया है। इसी तरह से कई गांवों का भी शहरों के संपर्क टूट गया है। बचाव राहत में जुटी टीमें नांवों के जरिये गांवों में पहुंच रहे हैं।