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फीस जमा नहीं करने से बच्चों को परीक्षा से वंचित किया
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मीडिया प्रभारियों से प्रिंसिपल ने किया दुर्व्यवहार, मामला थाने जा पहुंचा
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राजगांगपुर प्रेस क्लब ने प्रिंसिपल के खिलाफ दुर्व्यवहार करने का मामला दर्ज़ करने की लिखित शिकायत दी
राजेश दाहिमा, राजगांगपुर
रेलवे ट्रेक्सन कालोनी समीप स्थित किड्स एवोडी ईएम स्कूल में अभिभावक एवं स्कूल के प्रधानाचार्य के बीच झड़प होने का मामला सामने आया है। यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकारी के अनुसार, शारदा केड़िया पति गोपल केड़िया के दो बच्चे बादल एवं दानी उक्त स्कूल में पढ़ाई करते हैं। दो-तीन माह की फीस बकाया रहने पर स्कूल की प्रधानाचार्या डी तिवारी ने बच्चों को परीक्षा देने के लिए मना कर दिया। यह जानकारी मिलने पर श्रीमती शारदा केड़िया ने स्कूल की प्रधानाचार्या से फोन पर संपर्क कर अनुरोध किया कि आप परीक्षा देने दिजिए। रिजल्ट को रोक दिजियेगा। परीक्षा नहीं देने से बच्चों का सालभर की पढ़ाई सह भविष्य खराब हो जाएगा, लेकिन स्कूल की प्रधानाचार्या दुर्व्यवहार तरीके से कहा कि फीस जमा करने के बाद ही बच्चे परीक्षा दे पाएंगे। हताश शारदा केड़िया ने समाजसेविका रेखा अग्रवाल सह अन्य अभिभावकों को मामले की जानकारी दी और समाधान करवाने का अनुरोध किया। मामले की जानकारी एवं फोन रेर्कोडिंग रेखा अग्रवाल ने कुछ मिडिया प्रभारी को दी।
जानकारी मिलने पर कुछ अभिभावक एवं मिडिया प्रभारी मामले की जानकारी लेने स्कूल में पहुंचे। मौजूदा अभिभावकों ने स्कूल के प्रधानाचार्य से अनुरोध किया कि आप परीक्षा देने दिजिए। रिजल्ट आने पर फीस जमा करने के बाद दे दिजियेगा। तभी स्कूल की प्रधानाचार्या डी तिवारी गुस्से में आकर चिल्ला कर कहा कि फीस जमा करने के बाद ही परीक्षा देने के लिए दिया जाएगा। इस कड़ी में एक मिडिया प्रभारी पूरी घटना को अपने मोबाइल पर कवरेज कर रहे थे। तभी स्कूल की प्रधानाचार्या डी तिवारी अपनी कुर्सी से उठकर दुर्व्यवहार करने के साथ मोबाइल छीनने की कोशिश की। वहीं स्कूल की प्रधानाचार्य के दुर्व्यवहार करने के कारण मौके पर मौजूद मीडिया प्रभारी स्कूल से बाहर निकल कर मुख्य द्वार पर खड़े हो गए और आने-जाने वाले अभिभावकों से जानकारी ली। अभिभावकों ने बताया कि स्कूल की प्रधानाचार्या डी तिवारी का व्यवहार ठीक नहीं है।
फीस जमा नहीं करने से अभिभावक एवं बच्चों को भी धमकाने की कोशिश करती हैं। इस बाबत राजगांगपुर ब्लाक शिक्षा अधिकारी सरिता सरोनिया से फोन पर संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि स्कूल की प्रधानाचार्या फीस जमा नहीं करने से रिजल्ट को रोक सकती हैं, लेकिन परीक्षा देने से नहीं रोक सकती हैं। यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया है। स्कूल में पढ़ाई करने वाले अभिभावकों में काफी रोष व्याप्त है। वहीं दूसरी ओर स्कूल के प्रधानाचार्य के दुर्व्यवहार के कारण बच्चों के मन में भय व्याप्त हो गया है।
इधर, स्कूल की प्रधानाचार्या डी तिवारी का कहना है कि दोनों बच्चों की पांच-पांच माह की फीस बकाया रहने के कारण परीक्षा से वंचित किया गया है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने शिकायत करते बच्चों के अभिभावकों के खिलाफ थाना में शिकायत दर्ज कराई है। इधर, राजगांगपुर प्रेस क्लब की ओर से भी एक लिखित शिकायत स्कूल के प्रधानाचार्य के द्वारा दुर्व्यवहार करने के खिलाफ की गई है।