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ओपीजीसी कर्मचारियों के विरोध को लेकर विधानसभा में चिंता

  •  एईएस कंपनी के साथ किये गये करार का फिर से समीक्षा हो – प्रदीप्त नायक

    भुवनेश्वर. ओपीजीसी के कर्मचारियों को एईएस कंपनी के मैनजमेंट द्वारा लगातार अनदेखी किये जाने के बाद काले बैज पहन कर विरोध करना के मामला विधानसभा में गूंजा. सरकारी पक्ष से लेकर विपक्ष के विधायकों ने इस मामले में ऊर्जा मंत्री से आवश्यक कार्रवाई की मांग की. प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने यहां तक कहा कि ओपीजीसी व ऐईएस कंपनी के बीच हुए करार को समीक्षा की जाए व ओपीजीसी कर्मचारियों को न्याय दिलायी जाए. शून्यकाल में बीजद विधायक सौम्यरंजन पटनायक ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि ओपीजीसी कंपनी राज्य सरकार की है तथा थर्मल प्लांट है. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस कंपनी का 49 प्रतिशत शेयर विदेशी कंपनी एईएस को बेच दिया था. 51 प्रतिशत शेयर राज्य सरकार के पास होने के बाद भी प्रबंधकीय अधिकार विदेशी कंपनी के पास है. एईएस कंपनी के कर्मचारियों की तुलना में ओपीजीसी के कर्मचारियों का वेतन काफी कम है. इस कारण कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. राज्य सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए. इसी प्रकार बीजद अध्यक्ष किशोर मोहंती व अमर प्रसाद सतपथी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि ओपीजीसी के कर्मचारियों के प्रति भेदभाव हो रहा है. उनके साथ अन्याय हो रहा है. ऐसे में आज वे प्रतिवाद कर रहे हैं. अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो आगामी दिनों में स्थिति खराब होगी. प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने कहा कि राज्य सरकार के 51 प्रतिशत हिस्सा होने के बाद भी विदेशी कंपनी के पास प्रबंधकीय अधिकार कैसे हैं. यदि अतीत में उस कंपनी के साथ किये गये करार में कुछ गलती रह गई हो तो उसकी समीक्षा की जानी चाहिए.

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