भुवनेश्वर. तेरापंथ युवक परिषद, भुवनेश्वर के तत्वावधान में श्री नागपाश धरणेन्द्र यंत्र सिद्धि अनुष्ठान का आज भव्यता पूर्वक समारोह डॉ मुनि श्री ज्ञानेंद्र कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में आयोजित हुआ. अनुष्ठान का आरंभ मुनि श्री ने नवकार मंत्र से किया. तत्पश्चात मुनि श्री विमलेश कुमार जी ने मंगलाचरण मे सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी. तेरापंथ भवन आज मंत्रों से वह स्तोत्र से गुंजायमान बन गया. विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए मुनिश्री ज्ञानेंद्र कुमार जी ने कहा कि भीतर की शक्तियों को जगाने का माध्यम है अनुष्ठान. अनुष्ठान से मंत्र जप से वातावरण में दिव्यता आती है, भीतर के भावों में शुद्धता आती है, जीवन में आने वाली अनेक समस्याओं का समाधान अनुष्ठान से स्वत ही हो जाता है. सामूहिक अनुष्ठान का अपना एक मूल्य है, यहां एक साथ सैकड़ों लोग बैठकर जब मंत्र ध्वनि उच्चारित करते हैं, तो ऊर्जा तरंगों का समूह नकारात्मक शक्तियों को सकारात्मक शक्तियों में बदल देता है. मुनिश्री ने बताया कि भगवान पारसनाथ की रक्षा करने धरणेन्द्र देव व पद्मावती देवी आए थे और उन्होंने नागपाश से सुरक्षा की थी. तभी से इस यंत्र की महिमा गाई जाती है. यह नागपाश यंत्र हमारे ग्रह दोषों को व कालसर्प योग के दोषों को दूर कर देता है. भगवान पारसनाथ का जाप करने वाला सदैव अशुभ ग्रहों से व शनि राहु केतु आदि के अशुभ प्रभाव से सहज ही सुरक्षित बच जाता है.
मुनि विमलेश कुमार जी ने विधि पूर्वक अनुष्ठान की प्रक्रिया करवाई. इस अवसर पर मुनी पदम कुमार जी भी उपस्थित थे. इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया भी उपस्थित थे. तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल के सभी पदाधिकारी व सदस्यों ने अच्छी संख्या में अनुष्ठान में भाग लिया. अनुष्ठान शांतिपूर्ण एवं प्रभावी ढंग से समायोजित हुआ. लोगों का उत्साह अनुष्ठान के प्रति दिखाई दे रहा था. अनुष्ठान की व्यवस्था तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री जितेंद्र बैद, उपाध्यक्ष विशाल दूग्गड़, सदस्य मनीष दूधोरिया ने अच्छी तरह की. सभा अध्यक्ष बछराज बेताला ने सभी का आभार किया और मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की. इस अवसर पर पुरी, कटक आदि क्षेत्रों के श्रावक भी उपस्थित थे.
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