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सुखी कौन विषय पर हुआ कार्यक्रम आयोजित
कटक. श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में सुखी कौन विषय पर कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस मौके पर राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र ढोलकिया बतौर मुख्य अतिथि रूप में उपस्थित थे.
इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा कि मनुष्य में तीन प्रकार की मनोवृत्तियां होती हैं. सबसे पहली मनोवृत्ति है- जिजीविषा. अर्थात जीने की इच्छा. दूसरी मनोवृत्ति है-स्वतंत्रता. वह जीना चाहता है, पर पराधीन होकर नहीं. तीसरी मनोवृत्ति है-सुखेच्छा, अर्थात-सुख की इच्छा. सुख हर कोई चाहता है, पर उसे मिल नहीं पाता. सुखी वही रह सकता है जो भावक्रिया, प्रतिक्रिया, विरति मैत्री, मिताहार, मितभाषण व आसक्ति का त्याग कर जीता है.
मुनि जिनेश कुमार ने कहा कि भोजन के साथ तीन चीजें जुड़ी हुई हैं, प्रकृति, विकृति और संस्कृति. उदर पूर्ति के लिए खान प्रकृति है, जीभ तुष्टि के लिए खाना विकृति और संयम पुष्टि के लिए खाना संस्कृति है. भोजन सात्विक होने से व्यक्ति सुखी रह सकता है. वाणी का उपयोग सोच समझकर करना चाहिए. जीभ को सुगर फैक्ट्री व दिमाग को आइस फैक्ट्री बना देने से घर-परिवार में सुख शांति स्थापित हो सकती है. मुनि जिनेश कुमार जी ने मंत्री राजेन्द्र ढोलकिया की धर्मनिष्ठा की सराहना करते हुए उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया. इस अवसर पर मुनि परमानंद ने कहा कि जीवन प्रबंधन के लिए चार एल का उपयोग जीवन में करना चाहिए. लाइटिंग, लर्निंग, लविंग व लाफिंग का उपयोग करने से जीवन में खुशियां व आनंद बरसता है.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजेन्द्र ढोलकिया ने कहा कि चातुर्मास में संतों से जिनवाणी का श्रवण कर मनुष्य जन्म को सफल बनाने का प्रयास करे. राज्य सरकार ने मेरा सम्मान नहीं अपितु समाज का सम्मान किया है. मैं आभार व्यक्त करता हूं.
कार्यक्रम का शुभारंभ बाल मुनि कुणाल कुमार जी के सुमधुर गीत से हुआ. स्वागत भाषण व अतिथि परिचय तेरापंथी सभा के उपाध्यक्ष हनुमानमल सिंधी ने किया. संचालन मुनि परमानंद व आभार ज्ञापन सभा मंत्री चैनरूप चौरड़िया ने किया. मंत्री महोदय का तेरापंथी सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, अणुव्रत समिति ने सम्मान किया. कार्यक्रम में अच्छी संख्या में श्रद्धालु गण में उपस्थित थे.