Home / Odisha / द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर खुशी में बाटें 30 हजार लड्डू

द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर खुशी में बाटें 30 हजार लड्डू

भुवनेश्वर. द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर राजधानी भुवनेश्वर में खुशी में 30 हजार लड्डू बाटें गये. भुवनेश्वर स्थित विश्व के सबसे बड़े आदिवासी आवासीय विद्यालय कीस में आदिवासी गीत-संगीत और नृत्य की धूम दीखी. एक तरफ जहां ओडिशा की द्रौपदी मुर्मू भारत की राजधानी नई दिल्ली में भारत की 15वीं महामहिम राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहीं थीं, वहीं कीस के कुल तीस हजार आदिवासी बच्चों में उल्लास, खुशी और आनन्द था. कीट-कीस के संस्थापक तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत ने खुशी में कीस के तीस हजार आदिवासी बच्चों में तीस हजार लड्डू बांटे.
गौरतलब है कि भारत की 15वीं महामहिम बनीं द्रौपदी मुर्मू के दामाद गणेश चन्द्र मुर्मू कीस के छात्र रहे हैं, जबकि इनके बेटे ने साल 2003 से 2006 तक कीट में पढाई की थी. भारत की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज, कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के लिए महामहिम बनीं द्रौपदी मुर्मू के सपनों (शिक्षा तथा सेवा को) को साकार करने का वर्ष है. अच्युत सामंत ने बताया कि कीस की स्थापना (1992-93 से) ओडिशा के लौहपुरुष स्व. बीजू पटनायक तथा ओडिशा के वर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सपनों के तहत उत्कृष्ट शिक्षा के माध्यम से आदिवासी बच्चों को शिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बनाने में लगा है. अब भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं ओडिशा की द्रौपदी मुर्मू के भी सपनों (शिक्षा और सेवा) को भी साकार कर रहा है. प्रोफेसर सामंत ने बताया कि कीस भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को भी (आत्मनिर्भर कीस बनकर) साकार कर रहा है.

Share this news

About desk

Check Also

बड़े बनने के लिए बड़े सपने देखना भी जरूरी – मोहन माझी

बच्चों से कहा-सपनों का कैनवास जितना बड़ा होगा, चित्र का आकार भी उतना ही बड़ा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *