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खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाने को एक साथ काम करने का आह्वान
उन्होंने कहा कि यह न केवल निवेशकों को राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के माहौल को समझने में सक्षम बनाने के लिए, बल्कि सूक्ष्म और लघु खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को वित्तपोषण के साथ-साथ नये कौशल और प्रौद्योगिकियों तक पहुंच प्रदान करने के लिए मौका है.
उन्होंने कहा कि ओडिशा फूड-प्रो को एक वार्षिक कार्यक्रम बनाया जायेगा. यह प्रत्येक वर्ष एमएसएमई विभाग द्वारा आयोजित किया जायेगा, ताकि ओडिशा को भारत और दुनिया के खाद्य प्रसंस्करण मानचित्र पर रखा जा सके. राज्य के सामाजिक-आर्थिक कैनवास के परिवर्तन में स्वयं सहायता समूहों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह उन्हें एक आधुनिक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदार बनाकर और आगे बढ़ेगा. उन्होंने इस आयोजन में महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की और आशा व्यक्त की कि वे स्वयं को खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में अधिक संलग्न करेंगे और आगे भी समृद्ध होंगे. राज्य के नीतिगत प्रावधानों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि खाद्य उत्पादकों और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए राज्य सरकार औद्योगिक नीति संकल्प 2015, एमएसएमई नीति 2016 और ओडिशा खाद्य प्रसंस्करण नीति 2016 के माध्यम से एक अनुकूल नीति ढांचे को लागू कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना की औपचारिकता के कार्यान्वयन में अग्रणी राज्यों में भी शामिल है. ऊर्जा और एमएसएमई मंत्री प्रताप देव ने कहा कि यह ओडिशा में अपनी तरह का पहला है. उन्होंने विभाग के प्रयासों और इस क्षेत्र में विशेष रूप से छोटे निवेशकों और उद्यमियों के लिए विकास के अवसरों को रेखांकित किया. मुख्य सचिव सुरेश महापात्र ने किसानों और उत्पादकों के आर्थिक संवर्धन में इस क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया.