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समर्पित बर्न, प्लास्टिक वार्ड, नया ट्रामा, इमरजेंसी क्षेत्र और धर्मशाला भवन भी बनेगा
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एम्स भुवनेश्वर ने मनाया 10वां संस्थान स्थापना दिवस
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एम्स में रोजाना परामर्श के लिए आ रहे हैं करीब 4500 मरीज
भुवनेश्वर. एम्स भुवनेश्वर पूर्वी भारत के सबसे भरोसेमंद स्वास्थ्य संस्थानों में से एक बन गया है. यह विश्व में उत्कृष्टता का केंद्र होगा. अपनी शानदार यात्रा के पहले दशक में राष्ट्रीय संस्थान ने कई मील के पत्थर हासिल किए हैं और एक शानदार भविष्य की भी उम्मीद कर रहा है. रोगी देखभाल, अनुसंधान या अन्य सामाजिक कल्याण गतिविधियों के लिए, एम्स भुवनेश्वर ने कई प्रशंसा अर्जित की है और ओडिशा के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के लोगों का दिल जीतने में सक्षम है. 15 जुलाई को 10वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने वाले विशिष्ट अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों ने ये बातें कहीं.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए एम्स जोधपुर के निदेशक प्रो. संजीव मिश्र ने एम्स भुवनेश्वर को इसके पहले दशक के सफल समापन के लिए बधाई दी. प्रो मिश्र ने स्वास्थ्य सेवाओं, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में डिजिटल नवाचार के लिए प्रौद्योगिकी के सहयोग पर जोर दिया.
सभा को संबोधित करते हुए एम्स भुवनेश्वर के निदेशक (नामित) प्रो. आशुतोष विश्वास ने संगठन को चलाने के लिए बेहतर टीम वर्क पर जोर दिया. डॉ बिस्वास ने कहा कि वह एम्स को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा केंद्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
इस अवसर पर एम्स भुवनेश्वर के निदेशक प्रो मुकेश त्रिपाठी ने बताया कि एम्स भुवनेश्वर में बहुप्रतीक्षित किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी अगस्त से शुरू होने जा रही है. प्रक्रिया शुरू करने के लिए राष्ट्रीय संस्थान को पहले ही राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय (डीएमईटी) से आवश्यक अनुमति मिल चुकी है. जल्द ही, एम्स भुवनेश्वर में एक समर्पित बर्न और प्लास्टिक वार्ड, नया आघात और आपातकालीन क्षेत्र और धर्मशाला भवन भी होगा.
अन्य में डीन (अकादमिक) डॉ देवाशीष होता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ सच्चिदानंद मोहंती, डीन रिसर्च डॉ बिनोद कुमार पात्र, डीन परीक्षा डॉ मनोज कुमार मोहंती ने राष्ट्रीय संस्थान की विभिन्न उपलब्धियों और भविष्य के परिप्रेक्ष्य पर बात की. कार्यक्रम की शुरुआत में गणमान्य लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री और एम्स के संस्थापक भुवनेश्वर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित की. इस अवसर पर सभी संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्रों के साथ कुलसचिव उपस्थित थे.
उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 जुलाई 2003 को एम्स भुवनेश्वर की आधारशिला रखी थी और संस्थान ने 2012 में काम करना शुरू कर दिया था. अस्पताल का उद्घाटन 2014 में हुआ था. एम्स भुवनेश्वर देश का दूसरा एकमात्र एम्स है. आंकड़ों के अनुसार, एम्स भुवनेश्वर में प्रतिदिन लगभग 4500 रोगी परामर्श के लिए आते हैं.