भुवनेश्वर. स्थानीय तेरापंथ भवन में आयोजित तीन दिवसीय श्री सीताराम विवाह महोत्सव आज अपराह्न संपन्न हो गया. आयोजन के अंतिम दिवस पर सभी आगत माताओं तथा भक्तों की आंखें नम थीं. सभी ने लगातार विगत तीन दिनों तक कन्या पक्ष की ओर से सीता के जन्मोत्सव से लेकर सीता के विवाहोत्सव तक राजा जनक की ओर से वर पक्ष के स्वागत की अनोखी सुंदर परम्पराओं का आनंद उठाया. आमंत्रित कलाकारों के अभिनय ने वरपक्ष की ओर से अयोध्यापति राजा दशरथ के अपने सभी पुत्रों के साथ मिथिला आगमन तथा उनसभी के आतिथ्य-सत्कार से सभी उपस्थित दर्शक प्रसन्न नजर आये. लगातार तीन दिनों तक कार्यक्रम को देखने से ऐसा लगा कि आयोजन का उद्देश्य मिथिला-अयोध्या के संस्कार-संस्कृति, आतिथ्य-सत्कार तथा विवाह संस्कार आदि की जानकारी भुवनेश्वर के जन-जन तक तथा घर-घर तक पहुंचाना था, जिसमें आयोजक ओपी मिश्र पूरी तरह से सफल सिद्ध हुए हैं. आमंत्रित आध्यात्मिक टीम में वृंदावन, अयोध्या, लखनऊ, मिथिला (बिहार) और हरिद्वार के कुल 20 नामी कलाकार शामिल थे.
राजा दशरथ की भूमिका निभानेवाले श्री शरणजी महाराज तथा मिथिला से पधारीं तुलसी दीदी ने श्री सीताराम विवाह के सभी प्रसंगों को अपनी सुमधुर गायकी से सभी को मंत्रमुग्ध कर देनेवाली कलाकार सिद्ध हुईं. सभी दर्शकों को कलाकारों द्वारा प्रस्तुत जनवासे के अभिनय से सबसे खुश थे. आयोजन पक्ष की ओर से ओपी मिश्र ने अपने आभार में भुवनेश्वर मारवाड़ी सोसाइटी और उससे संबद्ध सभी घटक संगठनों के पूर्ण सहयोग के प्रति आभार जताया तथा यह बताया कि यह आयोजन सभी आगत दर्शकों के सहयोग से पूरी तरह से सफल सिद्ध हुआ. आमंत्रित कलाकारों ने भी उनके आतिथ्य-सत्कार से अपनी खुशी जाहिर की.
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