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बिजली के बावजूद कम दृश्यता के कारण मोबाइल की रौशन में किया इलाज
भद्रक. जिले के चांदबली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक सफाईकर्मी ने मोबाइल की रौशनी में एक व्यक्ति का इलाज किया. इस दौरान वहां डाक्टर मौजूद नहीं थे. यह चौंकाने वाली घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. बताया जाता है कि चांदबली कोर्ट के पेशकार रमेश मांझी पुराने कैंपस से कोर्ट के नये भवन में शिफ्ट करने के लिए एक वाहन में ऑफिस के सामान को रख रहे थे. इस दौरान बिल्डिंग की बीम से टकराने से उसके सिर पर गंभीर चोटें आई थीं. उन्हें तुरंत चांदबली के सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉ सौम्या रंजन स्वाईं देखने के बाद मरीज के सिर पर टांके लगाने की सलाह दी और चले गये. रोगी सिर में चोट लगने के कारण दर्द की शिकायत कर रहा था. इस दौरान वहां अस्पताल का स्वीपर सुभाष दास ने डॉक्टर और नर्स की अनुपस्थिति में रोगी की देखभाल की. इतना ही नहीं, एक अन्य व्यक्ति की मदद से उसने सिर पर कटे हुए हिस्से को बंद करने के लिए मरीज के सिर पर टांके लगाये.
कम रौशनी के कारण मोबाइल लाइट का प्रयोग
बताया जाता है कि अस्पताल में बिजली होने के बावजूद दृश्यता कम थी. इस कारण उन्होंने मोबाइल फोन की टॉर्च का इस्तेमाल किया. सूत्रों ने बताया कि मरीज के सिर पर 12 टांके लगे हैं. हालांकि उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें इलाज के लिए कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया.
इससे पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
कहा जा रहा है कि इससे पहले भी चांदबली सीएचसी से ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. एक बाद एक सफाईकर्मी ने कथित तौर पर एक मरीज के दाहिने हाथ पर प्लास्टर किया था और एक डॉक्टर ने कथित तौर पर मोबाइल फोन की टॉर्च के तहत एक मरीज का इलाज किया था.
पहले ही मरीज का इलाज कर दिया था – डाक्टर
डॉ सौम्य रंजन स्वाईं ने इस खबर के बारे में पूछे जाने पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने पहले ही मरीज का इलाज कर दिया था.