भुवनेश्वर. भुवनेश्वर श्री वाणीश्रेत्र स्थित कीस जगन्नाथ मंदिर की ओर से बाहुड़ा यात्रा अनुष्ठित हुई. वहां के गुण्डिचा मंदिर में सुबह में चतुर्धा देव विग्रहों की मंगल आरती, मयलम, तड़पलागी, रोशन होम, द्वारपाल पूजा आदि संपन्न कर श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी धाम की समस्त राति-निति का अनुपालन कर बाहुड़ा यात्रा अनुष्ठित हुई. चतुर्धा देवविग्रहों को पहण्डी विजय कराकर उनको रथारुढ कराया गया. तीनों रथों पर चंदनमिश्रित पवित्र जल छिड़कर तथा सोने की मूठवाले झाड़ू से छेरापहंरा का पवित्र दायित्व निभाया तथा आत्मनिवेदन प्रस्तुत किया श्रीवाणीक्षत्र कीस जगन्नाथ मंदिर के प्राणप्रतिष्ठाता प्रोफेसर अच्युत सामंत ने. देवी सुभद्रा के देवदलन रथ को महिलाओं ने खींचा. तालध्वज, देवदलन तथा नंदिघोष रथों के आगे-आगे गोटपुऊ नृत्य, ओडिशी नृत्य, भजन-संकीर्तन का भक्तमय समागम देखने योग्य था. 2022 श्री वाणीश्रेत्र कीस जगन्नाथ मंदिर की ओर से अनुष्ठित बाहुड़ा यात्रा में कुल लगभग तीस हजार जगन्नाथ भक्तों ने हिस्सा लिया.
Check Also
बड़े बनने के लिए बड़े सपने देखना भी जरूरी – मोहन माझी
बच्चों से कहा-सपनों का कैनवास जितना बड़ा होगा, चित्र का आकार भी उतना ही बड़ा …