अलवर, जिले में स्थित सरिस्का बाघ अभ्यारण शुक्रवार से 3 महीने के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि, इस दौरान सदर व टहला गेट से दो रूट पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे। इनके अलावा अलवर बफर जोन में शामिल बाला किला में पर्यटक सफारी कर सकेंगे।
दरअसल, बारिश के सीजन में हर साल 1 जुलाई से 30 सितंबर तक सरिस्का बाघ अभ्यारण बंद कर दिया जाता है। इस दौरान 2 रूटों को छोड़कर सरिस्का में पर्यटन गतिविधियों पर रोक रहती है। पर्यटक सदर गेट से काली घाटी, उमरी चौराहा तक तथा तहला गेट से काली घाटी और उमरी चौराहा तक सफारी कर सकते हैं। डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि बारिश के मौसम में वन्य जीव ब्रीडिंग का सीजन रहता है। जंगल में बारिश के कारण रास्ते भी खराब हो जाते हैं। ऐसे में पर्यटकों के वाहनों के कारण वन्यजीवों को किसी तरह का व्यवधान नहीं हो इसके लिए इसे 3 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है।
बंद होने से सरिस्का की आय पर पड़ता है प्रभाव
सरिस्का 3 महीने बंद रहने से यहां की आय पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। सवाई माधोपुर स्थित रणथंभोर के बाद बाघ देखने के लिए सबसे ज्यादा देशी व विदेशी पर्यटक सरिस्का ही आते हैं जिससे वैन विभाग को मोटी आय होती है।
घने गहरे हैं सरिस्का के जंगल
सरिस्का के जंगल घने गहरे हैं। टाइगर, लंगूर, बंदर, हिरण, नीलगाय, मोर सहित कई तरह के जीव जंतु की यह शरणस्थली है। सरिस्का में वर्तमान में 24 टाइगर हैं जिनमें 7 बाघ, 10 बाघिन और 7 शावक हैं।
साभार -हिस
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