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एम्स में हिन्दी के प्रचलन का विरोध

  •  बीजद और कांग्रेस ने जतायी आपत्ति

  •  बीजद प्रतिनिधि दल ने भुवनेश्वर एम्स के निदेशक को सौंपा ज्ञापन

  •  यह ओड़िया भाषा की बदनामी है – निरंजन पटनायक

भुवनेश्वर. भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हिन्दीभाषा के प्रचलन को लेकर बीजू जनता दल और कांग्रेस ने विरोध व्यक्त किया है. पार्टी ने कहा कि शेष भारत के गैरहिन्दीभाषी एम्स में स्थानीय भाषा का प्रचलन हो रहा है, ऐसे में हिन्दी भाषा को भुवनेश्वर एम्स पर थोपा जाना गलत है. पार्टी का एक प्रतिनिधिदल ने शनिवार को भुवनेश्वर एम्स के निदेशक डा बी गीतांजलि से मिलकर इस बारे में ज्ञापन सौंपा.
इस बारे में जानकारी देते हुए इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य तथा पुरी से लोकसभा सांसद पिनाकी मिश्र ने बताया कि इस संबंध में मीडिया में खबरे आने के बाद पार्टी का एक प्रतिनिधिदल उनसे मिल कर ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में कहा गया है कि यहां पर त्रिभाषी फार्मूला लागू किया जाए. पहली बरियता स्थानीय ओड़िया भाषा को मिले, इसके बाद हिन्दी या अंग्रेजी को दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि एम्स की निदेशक ने उन्हें स्पष्टीकरण दिया कि यह उनके अंदरुनी प्रशासनिक नोटिंग को लेकर सर्कुलर है. मरीजों को इससे कुछ लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि एम्स के निदेशक ने उनकी बात सुनीं और चिंताओं से अवगत हुईं. इस बारे में वह आगे बताने के लिए उन्होंने आश्वासन दिया है. इस प्रतिनिधिदल में सांसद प्रसन्न आचार्य, सांसद डा अमर पटनायक, सरोजिनी हेम्ब्रम, सस्मिता सेठी, अनुभव मोहंती, डा सस्मित पात्र, विधायक अनंत नारायण जेना व सुशांत राउत शामिल थे.
इधर कांग्रेस ने भी विरोध जताया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा कि यह ओड़िया भाषा को अपमानित करना है. उन्होंने कहा कि इस रवैये को हम बर्दास्त नहीं करेंगे. इसलिए इस फैसले को जल्द से जल्द वापस लिया जाये.

सर्कुलर की गलत व्याख्या हुई है – निदेशक एम्स
भुवनेश्वर. भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स की निदेशक डा बी. गीतांजली ने कहा कि हिन्दीभाषा के व्यवहार को लेकर जिस सर्कुलर की बात कही जा रही है, उसका गलत व्याख्या की जा रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग हिन्दी में पारंगत हैं, उनके लिए प्रशासनिक स्तर पर हिन्दी भाषा का उपयोग करने की बात है. आफिसियल लैंगुएज एक्ट को कंप्लाय करने के लिए है. मरीजों के लिए हिन्दी भाषा की अनिवार्यता नहीं है. फार्म ओड़िया व अंग्रेजी में भरा जा सकता है. डाक्टर व नर्सिंग छात्राओं को ओड़िया सिखाया जा रहा है. इस अंदरुनी मेमो की गलत व्याख्या की जा रही है.

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