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पुरी की रथयात्रा की गरिमा को बनाये रखें – गजपति महाराज

  •  कहा- पुरुषोत्तम क्षेत्र सबसे अधिक है पूज्यनीय और पवित्र

  •  पुरी में ही रथ सबसे ऊंचे होने चाहिए, कहीं अन्य नहीं

  •  मूल पीठ की गरिमा को बनाये रखने की अपील

हेमन्त कुमार तिवारी, पुरी
पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देव ने महाप्रभु श्री जगन्नाथ के देश-विदेश में फैले भक्तों से अनुरोध किया कि वे पुरी की रथयात्रा और मान्यताओं की गरिमा को बनाये रखें. उन्होंने कहा कि मूल पीठ मूल पीठ होता है. पुरुषोत्तम क्षेत्र सबसे अधिक पूज्यनीय और पवित्र है. इसलिए पुरी में ही महाप्रभु श्री जगन्नाथ की रथयात्रा में प्रयुक्त होने वाले रथ सबसे अधिक ऊंचे होने चाहिए. अन्य जगहों पर बनाये जाने वाले रथ की ऊंचाई इससे कम ही होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुरुषोत्तम क्षेत्र, या पुरी जगन्नाथ परंपरा, पंथ और विरासत के संबंध में ‘मूल पीठ’ है. हमारे ज्ञान या जानकारी के अनुसार, पुरी में श्री जगन्नाथ की पूजा से संबंधित सबसे अधिक मान्यता प्राप्त और पवित्र तीर्थ शहर है. उन्होंने कहा कि रथयात्रा के दौरान पुरुषोत्तम क्षेत्र में बनाये गये रथों की तुलना में कहीं भी निर्मित कोई अन्य रथ लंबा या ऊंचा नहीं होना चाहिए.
पुरी की रथयात्रा की शुरुआत के बाद ही निकालें कहीं अन्य रथयात्रा
गजपति महाराज दिव्यसिंह देव ने कहा कि पुरी में रथयात्रा की शुरुआत के बाद ही अन्य स्थानों पर रथ खींचने की परंपरा रही है. यह परंपरा पुरुषोत्तम क्षेत्र के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि मैं इसे आप सभी पर छोड़ता हूं कि यह परंपरा जारी रहनी चाहिए या तोड़नी चाहिए. यह मूल पीठ है, इसके बाद वे सभी पीठ आते हैं, जहां महाप्रभु श्री भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है औक पुरी की नीतियों का अनुसरण किया जाता है.
केंदुझर में ‘सबसे ऊंचे’ 72 फीट ऊंचे रथ पर विवाद
खबरों के अनुसार केंदुझर में सबसे ऊंचा रथ 72 फीट का बनाया जा रहा है. इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. गजपति महाराज ने कहा कि मुझे इस मामले में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. हालांकि, आप सभी इस बारे में शोधकर्ताओं और द्रष्टाओं से बात कर सकते हैं.

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