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पुरी में देवस्नान पूर्णिमा 14 जून को, तैयारियां पूरी

पुरी. प्रत्येक वर्ष पुरी धाम में ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन श्रीमंदिर के देवस्नान मण्डप पर चतुर्धा देवविग्रहों की देवस्नान पूर्णिमा अनुष्ठित होती है. इस साल देवस्नान पूर्णिमा आगामी 14 जून को है. अब 15 दिनों तक श्रीमंदिर में पटदियं (पटचित्र) की पूजा की जायेगी.
श्रीमंदिर प्रशासन पुरी से मिली जानकारी के अनुसार, देवस्नान पूर्णिमा 2022 से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर लीं गई हैं. लगभग दो वर्षों के अंतराल के बाद 2022 की देवस्नानपूर्णिमा के दिन लगभग 10 लाख जगन्नाथभक्तों के समागम की अपेक्षा है. 14 जून को भोर में श्रीमंदिर की रत्नवेदी पर विराजमान चतुर्धा देवविग्रहों, जगन्नाथ जी, बलभद्रजी, सुभद्राजी और सुदर्शन जी को पहण्डी विजय कराकर सिंहद्वार के समीप अवस्थित देवस्नान मण्डप लाया जाएगा. श्रीमंदिर प्रांगण अवस्थित माता विमला देवी के स्वर्ण कूप से 108 स्वर्ण कलश पवित्र तथा शीतल जल लाकर चतुर्धा देवविग्रहों को महास्नान कराया जाएगा. 35 स्वर्ण कलश जल से जगन्नाथ जी को, 33 स्वर्ण कलश जल से बलभद्रजी को,22 स्वर्ण कलश जल से सुभद्राजी को तथा 18 स्वर्ण कलश जल से सुदर्शन जी को मलमलकर महास्नान कराया जाएगा. श्री जगन्नाथ जी के प्रथम सेवक पुरी के गजपति महाराजा श्री श्री दिव्यसिंहदेव जी महाराजा अपने राजमहल श्रीनाहर से पालकी में आकर छेरापंहरा का पवित्र दायित्व निभाएंगे. महास्नान के उपरांत जगन्नाथ जी को गजानन वेष में सुशोभित किया जाएगा. महास्नान करने से देवविग्रह बीमार प़ड जाएंगे और उन्हें एकांत उपचार के लिए उनके बीमार-कक्ष में 15 दिनों तक रखा जाएगा. उनका आयुर्वेदसम्मत विधि से प्रतिदिन उपचार होगा. उन 15 दिनों तक श्रीमंदिर का कपाट भक्तों के दर्शन के लिए बन्द कर दिया जाता है. उन दौरान जो भी जगन्नाथ भक्त पुरी धाम आएंगे, वे जगन्नाथजी के दर्शन पुरी से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर ब्रह्मगिरि में अवस्थित भगवान अलारनाथ के दर्शन के रुप में करेंगे. ब्रह्मगिरि में भगवान अलारनाथ की काले प्रस्तर की भगवान विष्णु की सुंदर मूर्ति है. भगवान अलारनाथ को निवेदित होनेवाली खीर भोग को जगन्नाथ भक्त बडे शौक से भगवान जगन्नाथ के महाप्रसाद के रुप में ग्रहण करते हैं. कहते हैं कि स्वयं ब्रह्माजी ब्रह्मगिरि आये थे. चैतन्य महाप्रभु जी वहां आये थे. सच तो यह भी है कि ब्रह्मगिरि सैलानियों का स्वर्ग है.
देवस्नान पूर्णिमा जिसे जगन्नाथ भगवान के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है उसका सीधा प्रसारण आगामी 14 जून को दूरदर्शन (ओड़िया क्षेत्रीय चैनल) समेत सभी चैनल करेंगे, जिससे पूरे विश्व के करोड़ों जगन्नाथभक्त अपने घर से ही अलौकिक दर्शन कर पाएंगे.

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