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ओडिशा के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया दावा
भुवनेश्वर. मंकीपॉक्स के लिए सामूहिक टीकाकरण की आवश्यकता नहीं है. ओडिशा के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह दावा किया है. इस रोग के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चिंताओं को कम करते हुए ओडिशा के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि राज्य में अभी तक सामूहिक टीकाकरण की कोई आवश्यकता नहीं है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ नीरज मिश्र ने एक मीडियो को दिये गये साक्षात्कार में कहा कि डब्ल्यूएचओ ने अपनी चिंता जताई है, क्योंकि गैर-स्थानिक अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के मामले देखे जा रहे हैं. अच्छी खबर यह है कि वायरस ने अभी तक अपना स्वरूप नहीं बदला है.
चेचक जैसा है मंकीपॉक्स
डॉ नीरज मिश्र ने कहा कि मंकीपॉक्स की समानता चेचक जैसी है और चेचक के टीका इसके खिलाफ 85% प्रभावी हैं. हालांकि यह बीमारी संक्रामक है. यह कोविद की तरह नहीं फैलती है. केवल रोगी के निकट संपर्क वाले व्यक्ति ही इसकी चपेट में आते हैं. इसलिए हम केवल लक्षणों के अनुसार उन्हें संगरोध कर सकते हैं और उनका इलाज कर सकते हैं.
ओडिशा में घबराने की जरूरत नहीं
डॉ नीरज मिश्र जहां तक ओडिशा राज्य का संबंध है, हमने पहले ही बच्चों को चेचक के टीके लगाये हैं. इसे कुछ ही समय में फिर से व्यवस्थित किया जा सकता है. हम सिर्फ करीबी संपर्कों को संगरोध में रखने और टीकाकरण कर सकते हैं. इसलिए, अभी तक घबराने की जरूरत नहीं है.
सावधान और सतर्क रहने की जरूरत
डॉ नीरज मिश्र ने कहा कि इसे लेकर हमें सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि हम इसे अपने देश में जाने या अनजाने में न फैलाएं.
इसे कभी भी समाप्त नहीं किया जा सकता
मंकीपॉक्स के मामलों की बढ़ती संख्या के बीच एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे कभी भी समाप्त नहीं किया जा सकता है, क्योंकि संक्रमण पालतू जानवरों में रह सकता है.
वायरस 20 से अधिक देशों में फैला
हालही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वायरस 20 से अधिक देशों में फैल गया है. लगभग 200 मामले की पुष्टि हो चुकी है और 100 से अधिक संदिग्ध मामले उन देशों में हैं, जहां यह आमतौर पर नहीं पाया जाता है.