भुवनेश्वर. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ओपीएससी और ओडिशा सरकार से शिक्षकों की भर्ती रोकने के लिए कहा है. यूजीसी ने आज ओडिशा लोक सेवा आयोग (ओपीएससी) और उच्च शिक्षा विभाग को ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम (2020) के उल्लंघन का हवाला देते हुए एक पत्र लिखा. इस पत्र में आयोग ने उच्चतम न्यायालय के एक स्थगन आदेश का हवाला देते हुए शिक्षक या किसी भी भर्ती से परहेज करने को कहा है.
सूत्रों ने बताया कि यूजीसी ने ओडिशा उच्च न्यायालय द्वारा पारित उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसने विशेष अनुमति याचिका के माध्यम से ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम (2020) की वैधता को बरकरार रखा था. इसके बाद 20 मई को याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने की अवधि के लिए आक्षेपित फैसले के संचालन पर रोक लगा दी था. आरोप है कि ओपीएससी और उच्च शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया और समाजशास्त्र के सहायक प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर (वाणिज्य) के पद पर भर्ती की है. इसे लेकर यूजीसी ने पत्र में लिखा है कि चूंकि ओडिशा लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षकों व संकायों की भर्ती और राज्य चयन बोर्ड द्वारा गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती जारी है. इसलिए भर्ती प्रक्रिया माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये स्थगन आदेश उल्लंघन कर रही है. इसलिए ओडिशा लोक सेवा आयोग माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर ध्यान दें और शिक्षकों व संकायों की किसी भी भर्ती के लिए और कोई कदम उठाने से परहेज करें. सर्वोच्च न्यायालय का स्थगन आदेश उक्त स्थगन आदेश से पहले शुरू हुई, जो किसी भी भर्ती प्रक्रिया के संबंध में भी लागू होता है.
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