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पुरी श्रीमंदिर प्रशासन ने इस्कान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी
पुरी. हालही में मुंबई में इस्कान की ओर बेसमय रथयात्रा निकालने को लेकर पुरी श्रीमंदिर प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. पुरी श्रीमंदिर प्रशासन ने चेताया है कि यदि इस्कान की ओर से बेसमय रथयात्रा निकाली गई तो वह इस्कान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा. जानकारी के अनुसार, इस्कान की ओर से बेसमय निकाली जा रही रथयात्राओं को लेकर रविवार को पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की एक बैठक इसके कार्यालय में हुई. इस बैठक में श्रीमंदिर प्रशासन के अधिकारी के साथ-साथ श्री जगन्नाथ संस्कृति के जानकार, प्रचारक, श्रीमंदिर के सेवायत और चुने हुए बुद्धिजीवी गण शामिल हुए. बैठक में शामिल लोगों ने मांग की कि स्कंद पुराण तथा अन्य धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पूरी दुनिया में रथयात्रा केवल हिन्दू महीना अषाढ़ में निकाली जानी चाहिए. बैठक में तय हुआ कि इस मामले को लेकर गजपति महाराज दिव्यसिंध देव तथा उसके बाद राज्य सरकार को एक पत्र लिखा जायेगा. इसके साथ ही श्रीमंदिर प्रशासन इस्कान को भी पत्र लिखकर बेसमय रथयात्रा निकालने से मना करेगा. यदि इसके बाद भी इस्कान अपनी मनमानी करते हुए रथयात्रा निकालेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
एक शोधकर्ता नरेश दास ने कहा कि इस्कान की ओर से बेसमय रथयात्रा निकाला जाना करोड़ों हिन्दूओं के दिल को दुखाना है. इसलिए, इस्कान को भगवान जगन्नाथ की संस्कृति के बारे में जागरूक करने के लिए एक पत्र लिखने का निर्णय लिया गया है, ताकि वे बिना किसी बदलाव के इसका पालन करें. इधर श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य महाराज सचिदानंदन दास ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की संस्कृति पर आधारित एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उन्हें इसके बारे में जागरूक किया जाएगा. यदि जरूरत पड़ी तो उनके साथ बैठक भी आयोजित की जाएगी. उल्लेखनीय है कि 30 जनवरी को मुंबई में इस्कान की ओर से भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई थी. इसके बाद से ओडिशा में श्रीमंदिर के सेवादारों, धार्मिक विद्वानों, जगन्नाथ भक्तों और शोधकर्ताओं के बीच नाराजगी पैदा हो गई.
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