पुरी,श्री जगन्नाथ धाम पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ जी की चंदन यात्रा के लिए रविवार को भंवरी उत्सव अनुष्ठित किया जाएगा। भंवरी उत्सव के लिए मात्र एक दिन का समय बचा है। ऐसे में विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए रथों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। रथ के लिए नाहाक चक्र एवं अख तैयार कर लिया गया है। तीनों रथों के लिए नाहाक अख एवं 6 चक्का तैयार कर लिया गया है। महाप्रभु से आज्ञा माला आने से पहले इसे संयुक्त किया जाएगा। विश्वकर्मा सेवक इस हेतु कार्य शुरू कर दिए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक तालध्वज एवं नंदीघोष रथ में 16 जोका एवं देवी सुभद्रा के रथ में 12 जोका लगाया जाएगा। वहीं दुसरी तरफ रथखला में रथ का चक्का तैयार हो गया है। विश्वकर्मा सेवकों के प्रत्यक्ष निगरानी मे भोई सेवक अर एवं पही को जोड़ने का काम कर रहे हैं। पही के विंध में कील देकर अर के साथ टाइट कर बातिया लगाया गया है। यंत्रांसपटा मेंसिंगला को पही लगाने के बाद खुसिअर लगाया गया है। बाद में कलशा बनाकर पही को खाप में बांधकर चक्का तैयार किया गया है। अनुभवी विश्वकर्मा के निर्देश एवं निगरानी में यह सब काम चल रहा है।
उसी तरह से रथ का गूज, कुतुका, जलयंत्र आदि का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। रूपकार सेवकर गूज में सिंह विराल की खुदाई कर रहे हैं। जलयंत्र रथ में स्थापित होने के बाद पार्श्व देवि देवताओं को बिजे किया जाएगा। गूज खुम्ब स्वरूप रथ के कोण लगाए जाएंगे। बलभद्र जी के तालध्वज रथ एवं जगन्नाथ महाप्रभु के नंदीघोष रथ में 16 गूज एवं देवि सुभद्र के देव दलन रथ में 12 गूज है। गूज को रथ का सुरक्षा कवच माना जाता है। ड्रील मशीन द्वारा तुम्ब के बीच में होल किया गया है।
ओझा सेवकों ने जो बला दिया है उसे तुम्ब के बाहर पार्श्व में एवं पंदारी को तुम्ब के मध्य भाग में लगाकर चक्का तैयार किया जा रहा है। दोलवेदी साल में ओझा सेवक चक के लिए पंदारी एवं बला निर्माण कार्य पूरा कर लिए हैं।
Home / Odisha / रथखला हालचाल: रविवार को है चंदनयात्रा भंवरी उत्सव: युद्ध स्तर पर चल रहा है रथों का निर्माण कार्य
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