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तहसीलदार की बेपरवाही के कारण एक सामान्य व्यक्ति को पहुंचना पड़ा है हाईकोर्ट
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कहा, इस तरह की लापरवाही के चलते बढ़ रही है मुकदमा की संख्या
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प्रदेश के सभी तहसीलदारों को तागीद कररने के लिए राजस्व एवं कानून विभाग को भी जारी किया निर्देश
कटक ,बेपरवाही से जबरदखलकारियों को जुर्माना से दंडित करने वाले काकटपुर तहसीलदार को महंगा पड़ गया है। इसके लिए तहसीलदार को दंड स्वरूप 50 पेड़ लगाने के लिए ओडिशा हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। तहसीलदार कटक सीडीए के किसी भी सेक्टर में पेड़ के पौधे लगाएंगे। इसके लिए सीडीए अधिकारी उनकी मदद करेंगे। यह निर्देश आज ओड़िशा हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विश्वनाथ रथ ने दिया है।
जानकारी के मुताबि जबरदखल मामले में जबरन कब्जा करने वाले मीता दास को 15 सितम्बर 2021 को काकटपुर के तहसीलदार कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस जारी की गई थी। मीता दास नोटिस के मुताबिक तहसीलदार के कोर्ट में हाजिर हुए थे मगर नोटिस का जवाब नहीं दे पाए थे। ऐसे में उन्हें और एक मौका देने के बदले तहसीलदार ने उसी दिन उन्हें जुर्माना से दंडित किया था। उनका पक्ष सुनने के बदले इस तरह का निर्देश देने की बात दर्शाते हुए मीता दास ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सभी पक्ष को सुनने के बजाय तहसीलदार ने लापरवाही के साथ कार्य किया, ऐसा हाईकोर्ट ने अनुभव किया है। तहसीलदार के इस तरह के लापरवाही कार्य के कारण एक सामान्य व्यक्ति को न्याय के लिए हाईकोर्ट पहुंचना पड़ा है, जिस पर जस्टिस विश्वनाथ रथ ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि जबरदखल मामले में तहसीलदार के इस तरह की लापरवाही के चलते मुकदमा की संख्या बढ़ रही है। इसके लिए सभी तहसीलदारों को सतर्क रहने के लिए राजस्व एवं कानून सचिव को हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने निर्देश दिया है। इसके साथ ही संपृक्त मामले में पुन: सुनवाई करने के लिए भी हाईकोर्ट ने तहसीदार को निर्देश जारी किया है।