भुवनेश्वर. राजधानी भुवनेश्वर में सत्यनगर स्थित उत्कल-अनुज हिन्दी पुस्तकालय में जैन मुनि जिनेशजी का पुस्तकालय के मुख्य संरक्षक सुभाष भुरा की ओर से भव्य स्वागत किया गया. इस अवसर पर किशन खण्डेलवाल, पुस्तकालय सचिव तथा जैन अनुयायी मेघराज कातेला आदि उपस्थित थे. गौरतलब है कि जैन मुनि जिनेशजी पिछले लगभग चार महीनों से भुवनेश्वर प्रवास पर हैं. आध्यात्मिक जीवनयापन करनेवाले संत जिनेश कुमार जी का अधिकांश समय आध्यात्मिक पठन-पाठन तथा प्रवचन आदि में व्यतीत होता है. उनको आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ने का बड़ा शौक है. इसीलिए सुभाष भुरा के निमंत्रण को स्वाकारकर वे पुस्तकालय पधारे तथा पुस्तकालय में उपलब्ध संदर्भ ग्रंथों का अवलोकन किया तथा अपनी ओर से भी कुछ सद्ग्रंथ भेंट की. अपने स्वागत में सुभाष भुरा ने बताया कि आज उनके द्वारा स्थापित उत्कल-अनुज हिन्दी पुस्तकालय जैन मुनि श्रेष्ठ जिनेशजी आगमन से धन्य हो गया. पुस्तकालय की गरिमा बढ़ गई. किशन खंडेलवाल ने बताया कि उत्कल अनुज हिन्दी वाचनालय में प्रख्यात लेखकों, कवियों तथा साहित्यकारों आदि की पुस्तकें रखी गई हैं. लोग वाचनालय में आते हैं और संदर्भग्रंथों को पढ़ते हैं. ज्ञान अर्जित करते हैं. वाचनालय में समय-समय पर साहित्यिक संगोष्ठियां आयोजित होतीं हैं. इस पुस्तकालय में हिन्दी हास्य-विनोद के विश्वविख्यात सशक्त हस्ताक्षर सुरेन्द्र शर्मा भी पधार चुके हैं.
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