साल 1934 में कटक जिले में जन्म लेने वाले डा कर एक शिक्षाविद व जगन्नाथ संस्कृति के प्रवक्ता के नाते परिचित थे. वे सालों तक ओडिशा के शिक्षा विभाग में कार्य किया. पुरी के स्वर्गद्वार में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. कर को पुरी जिला प्रशासन द्वारा स्वर्गद्वार श्मशान घाट में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उनके बड़े बेटे रंजीत कर ने उनका अंतिम संस्कार किया. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कल शोक जताते हुए अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की थी.
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