भुवनेश्वर. ओडिशा के प्रसिद्ध शिक्षाविद, साहित्यकार व जगन्नाथ संस्कृति के प्रचारक पद्मश्री डा रजत कर नहीं रहे. भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. वह 88 साल के थे. हार्ट अटैक के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और चिकित्सा के दौरान उनका निधन हो गया. उनके निधन से राज्य के मान्यगण्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है. साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान से पिछले साल सम्मानित किया गया था.
साल 1934 में कटक जिले में जन्म लेने वाले डा कर एक शिक्षाविद व जगन्नाथ संस्कृति के प्रवक्ता के नाते परिचित थे. वे सालों तक ओडिशा के शिक्षा विभाग में कार्य किया. पुरी के स्वर्गद्वार में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. कर को पुरी जिला प्रशासन द्वारा स्वर्गद्वार श्मशान घाट में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. उनके बड़े बेटे रंजीत कर ने उनका अंतिम संस्कार किया. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कल शोक जताते हुए अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की थी.
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