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जून 2021 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य
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75 हजार घरों को मिलेगा शुद्ध पेयजल
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सौकड़ों हेक्टेयर खेत को मिलेगी सिंचाई की सुविधा
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61 हेक्टोमीटर जल रखने की होगी क्षमता
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जलनिकासी के लिए लगेंगे तीन गेट
शिवराम चौधरी, ब्रह्मपुर
बहुप्रतीक्षित और बहुमुखी घटकेश्वर परियोजना पर आखिरकार आज काम शुरू हो गया. केरांडीमाड़ पहाड़ पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद डैम निर्माण का काम शुरू हुआ. आज इस मौके पर आयोजित समारोह में स्थानीय विधायक व विधानसभा अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र, स्थानीय सांसद चंद्रशेखर साहू, कुकुड़ाखंडी प्रखंड के अध्यक्ष कामाख्या प्रसाद पात्र, सहकारिता विभाग के चेयरमैन सुधीर राउत, ओडिशा निर्माण विभाग के इंजीनियर हरिश्चंद्र परिडा, जीएम इंजीनियर अशोक पात्र, इंजीनियर दिलीप दास, जलसिंचाई विभाग के सीनियर इंजीनियर लडू साबत समेत आसपास के गांवों के लगभग तीन हजार लोग उपस्थित थे. आज भव्य पूजन-अर्चना के साथ परियोजना पर काम शुरू हुआ.
बताया जाता है कि इस परियोजना पर 118 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. इसे जून 2021 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. केरांडीमाड़ पहाड़ के झरने से पानी को एकत्र करने के लिए 266.61 वर्गमीटर के कंक्रीट डैम का निर्माण किया जायेगा. इस डैम की गहराई 15.099 मीटर होगी तथा जलनिकासी के लिए तीन गेट लगाये जायेंगे. इस परियोजना के पूरे होने के बाद दिग्पहंडी के कुकुड़ाखंडी प्रखंड के तीन पंचायत के आठ गांव, रामपल्ली, सिहड़ा, मेदिनीपुर, कंकिया, जुबुडी, सिंगाबाड़ी, कुसुमी और अर्जुनपुर में लगभग 500 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध होगा. इसके साथ-साथ 75 हजार घरों के लिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति भी की जा सकती है. इस परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी ओडिशा निर्माण निगम (ओसीसी) को मिली है. इस परियोजना के निर्माण के लिए आवश्यक मंजूरियां 2014 में मिल चुकी हैं.
33 साल बाद पूरा होगा सपना
घटकेश्वर परियोजना का सपना 33 साल बाद पूरा होने की तफर अग्रसर होता नजर आ रहा है. बताया जाता है कि अक्टूबर 1986 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जानकी वल्लभ पटनायक ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था. उस समय इसकी लागत लगभग 29 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन गांववालों की विभिन्न समस्याओं की वजह से परियोजना पर काम शुरू नहीं हो पाया. इसके बाद 16 जून 2011 को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने फिर इस परियोजना की आधारशिला रखी और परियोजना की लागत बढ़कर 118 करोड़ रुपये तक आ पहुंची. इस लागत पर ही अब इस परियोजना पर काम शुरू हुआ है.