नई दिल्ली, भारतीय रेलवे ने यात्रियों को टिकट खरीदने से लेकर यात्रा के दौरान होने वाली तमाम परेशानियों को दूर करने के लिए देशभर में 51 हजार से अधिक ‘रेल कर्मयोगी’ तैनात किये हैं। इन फ्र्ंटलाइन वर्कर्स को ‘मास्टर ट्रेनर्स’ द्वारा प्रशिक्षित किया गया है।
रेल मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि मिशन रेल कर्मयोगी के तहत 51 हजार से अधिक फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों को भारतीय रेलवे परिवहन प्रबंधन संस्थान (आईआरआईटीएम) में प्रशिक्षित किया गया है। रेल कर्मयोगी स्टेशन परिसर में यात्रियों को आरक्षण फार्म भरने, काउंटर टिकट बनवाने, डिजिटल भुगतान में सहायता, रेलगाड़ी और कोच की वास्तविक स्थिति बताने के अवाला यात्रा के दौरान ट्रेन में प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था करने के अलावा अपराध होने पर जीआरपी और आरपीएफ तक पहुंचाने में भी मदद करेंगे।
आईआरआईटीएम में इस साल 28 फरवरी से मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। प्रत्येक बैच में विभिन्न क्षेत्रों के सात डिवीजनों के मास्टर ट्रेनर्स हैं। अब तक, मास्टर प्रशिक्षकों के 8 बैचों में 49 मंडल (आधे से अधिक भारतीय रेल मंडल) शामिल हैं और 8वां बैच वर्तमान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। ये मास्टर ट्रेनर पहले ही क्षेत्र में 51,000 से अधिक फील्ड प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि मिशन कर्मयोगी को 20 सितंबर, 2020 को भारत सरकार द्वारा दुनिया में कहीं भी सबसे महत्वपूर्ण क्षमता निर्माण पहल के रूप में लॉन्च किया गया था। यह परियोजना छह महीने की अवधि में लगभग एक लाख फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का प्रयास करती है।
रेलवे के सभी 68 डिवीजनों से नामित एक हजार फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों को रेल मंत्रालय के तहत एक केंद्रीकृत प्रशिक्षण संस्थान, आईआरआईटीएम में ‘मास्टर ट्रेनर्स’ के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये ‘मास्टर ट्रेनर’ शेष रेलवे कर्मचारियों को समयबद्ध तरीके से फील्ड में प्रशिक्षित करेंगे। सभी प्रशिक्षित कर्मचारियों का मूल्यांकन एक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म का उपयोग करके किया जाएगा और उन्हें विधिवत प्रमाणित किया जाएगा। विकसित पाठ्यक्रम सामग्री को बाद में रेलवे कर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिए भारत सरकार के ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच आईजीओटी पर भी शामिल किया जाएगा।
साभार-हिस