भुवनेश्वर. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उस घटना पर ओडिशा सरकार से रिपोर्ट मांगी है, जिसमें एक दलित व्यक्ति को कथित तौर पर गांव के मंदिर को दान देने से इनकार करने पर अपनी ही थूक पर अपनी नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया गया था. आयोग ने घटना की एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है और ओडिशा के मुख्य सचिव को नोटिस जारी की है, जिसमें जांच की स्थिति और पीड़ितों को दी गई वैधानिक राहत की स्थिति सहित छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है. एनएचआरसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री की जांच करते हुए आयोग ने पाया है कि उठाए गए मुद्दे बहुत गंभीर प्रकृति के हैं और पीड़ितों के सम्मान के अधिकार का घोर उल्लंघन किया गया है. सूत्रों ने बताया कि घटना पिछले शनिवार शाम की है, जब केंद्रापड़ा जिले के मार्शाघई थाना क्षेत्र के तिखीरी गांव के सरपंच चमेली ओझा मंदिर के लिए चंदा मांगने के लिए उसके घर गए थे. जब उस व्यक्ति ने कहा कि वह पहले ही दान कर चुका है, तो सरपंच ने कथित तौर पर उसे और उसकी पत्नी को गाली दी. हालांकि, सरपंच ने दलित व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोप का खंडन किया है. मार्शाघई पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति संरक्षण अधिनियम, 1989 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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