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28 गांवों को अपने नये सीमांकित मानचित्र में जोड़कर खड़ा किया नया विवाद
भुवनेश्वर. कोरापुट जिले में जारी कोटिया सीमा विवाद के बीच आंध्र प्रदेश ने एक और विवाद को खड़ा कर दिया है. आंध्रप्रदेश ने ओडिशा के 28 गांवों को अपना बताये हुए नये सीमांकित मानचित्र में जोड़ दिया है. इस बाद एक बार फिर से कोरापुट जिले की विवादास्पद पंचायत के 28 गांवों को लेकर विवाद हो गया है.
जानकारी के अनुसार, शासन के विकेंद्रीकरण और संतुलित विकास को लेकर एक बड़े प्रशासनिक बदलाव में आंध्र प्रदेश ने सोमवार को 13 नये जिले बनाया. इससे राज्य में कुल प्रांतों की संख्या 26 हो गई है. आंध्र के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अपने आधिकारिक निवास से नये जिलों को वर्चुअल मोड में लॉन्च किया. जिन नये जिलों को बनाया गया है, वे हैं- पार्वथीपुरम मान्यम, अल्लूरी सीताराम राजू, अनाकापल्ली, काकीनाडा, कोना सीमा, एलुरु, एनटीआर, बापटला, पालनाडु, नंदयाल, श्री सत्यसाई, अन्नामय्यी और तिरुपति हैं.
आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से जारी किये गये नये नक्शे के अनुसार, कोटिया क्षेत्र के 28 गांवों और 12 अन्य स्थानों को नवनिर्मित पार्वतीपुरम मान्यम जिले में शामिल किया गया है. तेलुगु में मान्यम का मतलब पिछड़ा क्षेत्र होता है.
बताया गया है कि आंध्र सरकार द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार, पार्वतीपुरम मान्यम जिले के गठन से सीमावर्ती शहर पार्वतीपुरम को कोटिया क्षेत्र के नये मुख्यालय के रूप में कार्य करने का रास्ता खुलेगा. इस जिले के गठने से कोटिया और आंध्र के नये जिला मुख्यालय के बीच की दूरी अब घटकर 60 किलोमीटर रह जायेगी. इससे पहले जिला मुख्यालय 90 किलोमीटर दूर था.
कोरापुट के पूर्व जिलाधिकारी गदाधर परिडा ने कहा कि पड़ोसी राज्य सरकार का यह कदम कोटिया क्षेत्र में उसकी रुचि को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि हमने कोटिया में एक विकास परिषद बनाने और क्षेत्र के लिए विशेष योजनाएं शुरू करने के लिए ओडिशा सरकार को कई बार प्रस्ताव दिया है, ताकि हम पड़ोसी राज्य के स्थानीय लोगों को लुभाने के प्रयास की जांच कर सकें. उन्होंने कहा कि कुरमानाथ के इस क्षेत्र के जिलाधिकारी बन सकते हैं. एक बार यदि वह सशक्त हो जायेंगे तो ओडिशा इस क्षेत्र पर प्रशासनिक नियंत्रण खो सकता है.
इस नये घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सांसद जयराम पांगी ने कहा कि नये जिले के गठन के पीछे आंध्र की साजिश है. उनका नया मान्यम जिला आदिवासी बहुल जिला होगा और इस कदम का उद्देश्य क्षेत्र के लोगों को अपनी ओर लुभाना है.
इस बीच, कोटिया के जिला परिषद सदस्य टिकई जेमेल ने कहा कि मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आंध्र प्रदेश क्या कदम उठा रहा है, क्योंकि मुझे पता है कि कोटिया ओडिशा का अभिन्न हिस्सा है.
कोटिया के सरपंच लियो जेमेल ने भी जोर देते हुए कहा कि कोटिया ओडिशा से ताल्लुक रखता है. अगर वे हमें अपने राज्य में शामिल करने का प्रयास करते हैं, तो हम आंध्र का विरोध करेंगे.