-
छह वर्षों में कुल 28,249 मामले सामने आये
-
हर गुजरते साल में बढ़ रहा है जान देना का ग्राफ
भुवनेश्वर. ओडिशा में बीते छह सालों के दौरान आत्महत्या के मामले में काफी वृद्धि दर्ज की गयी है. हर गुजरते साल के साथ लोगों के जान देने के मामले का ग्राफ ऊपर ही बढ़ता जा रहा है. आत्महत्या के मामले में कटक शीर्ष पर है, जबकि बौध में सबसे कम खुदकुशी करने की संख्या है. राजधानी भुवनेश्वर भी आत्महत्या करने वालों के मामले डाटा में शामिल है
एक आधिकारिक आंकड़े से पता चला है कि पिछले छह वर्षों (2016 से 2021) के दौरान ओडिशा में आत्महत्या के कुल 28,249 मामले सामने आये हैं. आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि हर गुजरते साल के साथ आत्महत्या के मामले बढ़ते गये हैं.
आंकड़ों के अनुसार, साल 2016 में ओडिशा के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में आत्महत्या के कुल 3,884 मामले दर्ज किये गये थे. साल 2017 में बढ़कर यह मामले 4,151 हो गये और साल 2018 में इसकी संख्या 4,447 हो गई. आत्महत्या का ग्राफ 2019 में ऊपर चढ़ता ही दिया. साल 2019 में आत्महत्या करने वालों की संख्या 4,636 हो गई.
साल 2020 और 2021 में कोरोना के दस्तक के साथ ही ओडिशा में आत्महत्याओं के मामले में काफी उछाल देखने को मिली और आंकड़ा 5,000 को पार कर गया. आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में 5,482 लोगों ने आत्महत्या की, जबकि 2021 में इस मामले में और वृद्धि हुई. इस साल में कुल 5,649 लोगों ने मौत को गले लगाया.
कटक में सबसे अधिक लोगों ने की खुदकुशी
ओडिशा के सबसे पुरानी नगरी कटक में छह वर्षों के दौरान सबसे अधिक 3,325 लोगों ने आत्महत्याएं की. आंकड़ों के अनुसार, साल 2016 में कटक शहरी पुलिस जिले में 349 मामले दर्ज किये गये थे. अगले साल 2021 में यह आंकड़ा दो गुना से अधिक दर से बढ़कर 875 तक पहुंच गया.
हालांकि आंकड़े बताते हैं कि कटक जिले के ग्रामीण इलाकों में आत्महत्या के मामलों में इतनी अधिक वृद्धि नहीं देखी गई है. इस अवधि के दौरान कटक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 283 ऐसे मामले सामने आये थे.
पश्चिमी ओडिशा के संबलपुर जिले में 2016 और 2021 के बीच 2,802 आत्महत्याओं के मामले दर्ज किये गये, जबकि ब्रह्मपुर पुलिस जिला क्षेत्र में 1,697 लोगों ने आत्महत्या की.
आदिवासी बहुल मयूरभंज जिला इसी अवधि के दौरान शीर्ष चार स्थान पर रहा. यहां कुल 1,640 मामले दर्ज किये थे. राज्य के सबसे कम आत्महत्या के मामले 96 बौध जिले से दर्ज किये गये थे.
छह साल में भुवनेश्वर में आत्महत्या के 1557 मामले
छह वर्षों में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में कुल 1557 आत्महत्याओं के मामले दर्ज किये गये हैं. आंकड़ों के अनुसार, भुवनेश्वर में 2021 में 282 आत्महत्याएं दर्ज की गयी थीं. शहर में 2020 में 310 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए थे. साल 2016 में राजधानी में आत्महत्या के 165 मामले दर्ज किये गये थे.
डिप्रेशन इसका मुख्य कारण
रावेंशा विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर हरेश मिश्र ने कहा कि आत्महत्या के कई कारण होते हैं, जैसे पारिवारिक या व्यक्तिगत समस्याएं. इसके अलावा कोविद-19 के कारण होने वाली वित्तीय समस्याएं, सामाजिक जीवन से अलगाव और एक आधुनिक जीवनशैली, प्रेम और विवाहित जीवन में समस्यायें भी ऐसी मौतों के पीछे अन्य प्रमुख कारण हैं. हालांकि इसका मुख्य कारण डिप्रेशन है. उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन में जाता है तो वह यह कदम उठाता है. मिश्र ने कहा कि हम शारीरिक स्वास्थ्य की तरह मानसिक स्वास्थ्य पर जोर नहीं दे रहे हैं. इस समस्या के समाधान के लिए हमें मानसिक स्वास्थ्य को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा. इसके साथ ही बहुत सारे जागरूकता कार्यक्रमों को शुरू करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे मामलों को नियंत्रित किया जा सके.