बालेश्वर. जमीन से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल (एमआरएसएएम) ने एक बार फिर अपनी प्रभावशीलता साबित कर दी है. आज दो मिसाइलों ने उड़ान परीक्षणों के दौरान ओडिशा के चांदीपुर तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज पर उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों पर सीधे हिट किया. हथियार प्रणाली की सटिकता और विश्वसनीयता को स्थापित करते हुए समुद्र के किनारे तथा उच्च ऊंचाई की कार्यक्षमता को शामिल करते हुए रणनीति के तहत इन्हें लक्ष्यों पर छोड़ा गया था. इन परीक्षणों के दौरान मिसाइल, हथियार प्रणाली रेडार और कमांड पोस्ट सहित हथियार प्रणाली सभी भागों के प्रदर्शन को मान्य किया गया. उड़ान परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया. विभिन्न श्रेणियों और परिदृश्यों के लिए उड़ान परीक्षणों के समापन के साथ सिस्टम ने अपने विकास परीक्षण पूरा कर लिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एमआरएसएएम के सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग की सराहना की और कहा कि सफल प्रक्षेपणों ने एक बार फिर प्रणाली की विश्वसनीयता साबित कर दी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने हथियार प्रणाली के सफल परीक्षण फायरिंग से जुड़ी टीमों को बधाई दी.
इससे पहले 27 मार्च को लाइव फायरिंग ट्रायल के हिस्से के रूप में मिसाइल प्रणाली का दो बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था.
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