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आचार्य श्री महाश्रमण महान यायावर – मुनि जिनेशकुमार
भुवनेश्वर. युगप्रधान, महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की साधिक सप्तवर्षीय अहिंसा यात्रा की सम्पन्नता के अवसर पर मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा -3 के सान्निध्य में आचार्य श्री महाश्रमण अभिवन्दना समारोह का आयोजन तेरापंथ भवन में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा किया गया. इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी महान यायावर हैं. उन्होंने अहिंसा यात्रा के द्वारा भारत, नेपाल, भूटान की लगभग 18 हजार किलोमीटर पद यात्रा कर करोड़ों लोगों को सद्भावना नैतिकता व नशामुक्ति का संदेश प्रदान किया. उनकी सद्प्रेरणा से लाखों लोगों ने नशे से मुक्त रहने का संकल्प ग्रहण किया. विभिन्न वर्ग, जाति, सम्प्रदायों में सद्भावना के विकास का माहौल अहिंसा यात्रा से देशभर में निर्मित हुआ. मुनि ने आगे कहा कि आज अहिंसा यात्रा की सम्पन्नता के अवसर पर हम आचार्य प्रवर की संकल्प शक्ति, साहस, कष्ट सहिष्णुता, अटूट परिश्रम, अनवरत गतिशीलता की अभिवंदना करते हैं. उनकी परोपकारिता, विनम्रता, दयालुता अपने आप में विशिष्ट है. वे सिर्फ जैन धर्म के नहीं अपितु जन-जन के आचार्य है. उन्होंने अपनी ज्ञान चेतना से बिना किसी भेदभाव के जन-जन में ज्ञान का प्रकाश फैलाया है. वे मानवता के मसीहा हैं. उनके द्वारा ससंघ की गई सप्तवर्षीय अहिंसा यात्रा भारत के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है. उन्होंने अपने नन्हें-नन्हें पांवों से चलकर बड़े-बड़े कीर्तिमान स्थापित किये हैं. आज उनका हम अभिनंदन कर धन्यता का अनुभव कर रहे हैं और मंगल कामना करते हैं कि वे युगों युगों तक निरामय रहकर धर्मशासन की सेवा करते रहें. इस अवसर पर बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने अभिवन्दना गीत का मधुर संगान किया. श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बच्छराज बेताला, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष विवेक बेताला, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष मधु गिड़िया ने अभिवन्दना में अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल के मंगल संगान से हुआ. संचालन मुनि परमानंद ने किया.