-
कॉन्स्टेबल बलराम घोष ने दिखाई मानवता की मिसाल, एनडीआरएफ का सीना हुआ चोैड़ा
कटक:- मानवता आज भी जिंदा है जिसकाे चरितार्थ किया है एनडीआरएफ बल संख्या 09734 2015 कांस्टेबल बलराम घोष. कहते हैं “जाको राखे साइयां मार सके ना कोई” जिसके ऊपर भगवान की कृपा हो उसे बचाने के लिए मदद के रूप में कोई ना कोई मसीहा जरूर मिल जाता हैं. 16 मार्च को सुबह लगभग 7.30 बजे बल संख्या 097342085, कांस्टेबल बलराम घोष, जो तीसरी बटालियन एनडीआरएफ मुंडाली में कार्यरत हैं, कटक रेलवे स्टेशन से एनडीआरएफ बटालियन की ओर आ रहे थे. उन्होने देखा कि एक महिला कटक के पुरीघाट पुलिस थाना के पास मुख्य सड़क पर दुर्घटना के कारण घायल अवस्था में गिरी हुई थी और मदद के लिए चिल्ला रही थी. कोई यात्री या स्थानीय जनता उसके प्रति प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था. उसके दाहिने पैर और हाथ में चोट, सूजन और खून बह रहा था. उक्त कांस्टेबल ने बिना वक्त गमाये उसे प्राथमिक उपचार दिया। बाद में स्थानीय पुलिस और एम्बुलेंस से संपर्क किया गया और उसे आगे के इलाज के लिए कटक के एससीबी अस्पताल भेजा गया। एनडीआरएफ व्यक्ति होने के नाते, कांस्टेबल बलराम घोष ने अपने कर्तव्य से परे एक जीवन को बचाने के लिए अत्यंत दृढ़ संकल्प और मानवता दिखाई जिसकी चर्चा पूरे कटक शहर में हो रही है महिला की पहचान विद्या शर्मा, उम्र -55 वर्ष, पति-श्याम सुंदर शर्मा, पुरीघाट, कटक के रूप में हुई.