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मालकानगिरि में स्थिति सामान्य करने पर काम कर रहा बीएसएफ

  •  महानिरीक्षक सतीश चंद्र बुडाकोटी ने कहा- विकास की गति को बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं हम

  •  बीएसएफ की ओर से चिकित्सा शिविर आयोजित

मालकानगिरि. बीएसएफ के महानिरीक्षक सतीश चंद्र बुडाकोटी ने कहा कि हम यहां स्थिति सामान्य करने और विकास की गति को बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले इस क्षेत्र में सरकारी अधिकारियों आने में दिक्कतें होती थीं. चिकित्सकों, शिक्षकों को आने में दिक्कतें होती थीं. सड़कों को बनाने में दिक्कतें होती थीं, लेकिन जबसे बीएसएफ इस क्षेत्र में तबसे तरक्की हो रही है. सभी अधिकारी आ रहे हैं. सभी काम हो रहे हैं. यहां के सभी लोग खुशी हैं. यह सबसे बड़ी बात है.
इस दौरान उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया और राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की उपयोगिता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बोंडा ओडिशा के प्राचीन आदिवासी समुदायों में से एक हैं, जिनकी एक अलग संस्कृति है, वे एक बहुत ही सरल जीवन जीते हैं. आदिवासियों के मूल क्षेत्र को बोंडा घाटी के नाम से जाना जाता है. हाल के दिनों में स्वाभिमान अंचल से सटी बोंडा घाटी शायद बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण नक्सलवाद से ग्रसित थी.
उल्लेखनीय है कि फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल, ओडिशा के महानिरीक्षक सतीश चंद्र बुडाकोटी ने उपमहानिरीक्षक मदन लाल, और कमांडेंट, 65वीं वाहिनी टी नरसिम्हा रेड्डी के साथ मालकानगिरि के खैरपुट ब्लॉक अंतर्गत आंध्राल (बोंडा घाटी) में शिविर का दौरा किया था. यहां आयोजित एक शिविर को वह संबोधित कर रहे थे.
इस दौरान महानिरीक्षक ने क्षेत्र में सुरक्षा ढांचे और बल की कार्यशैली का आकलन किया. इसमें उन्हें आंध्राल और मुदुलीपाड़ा में कैंप की स्थापना के बाद लोगों के मन और दिल में बने विश्वास के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने कमांडरों और सैनिकों के साथ बातचीत की तथा उनके दक्षता के उच्च मानकों की सराहना की. कर्तव्य के प्रति समर्पण और स्थानीय लोगों को मानवीय सहायता करने में जवानों के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की.
सामुदायिक सेवा गतिविधियों को जारी रखते हुए महानिरीक्षक के मार्गदर्शन में इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल द्वारा एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें बीमार ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं और दवाएं प्रदान की गईं.
इस तरह के चिकित्सा शिविरों के आयोजन का मूल उद्देश्य चिकित्सा सहायता को उन दूरदराज इलाकों की वंचित आबादी के दरवाजे तक पहुंचाना है, जिनकी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं है. इसके अलावा महानिरीक्षक ने आंध्राल के लगभग 200 ग्रामीणों और छात्रों को कपड़े, स्टेशनरी, उपयोगिता और खेल सामग्री वितरित की. ग्रामीणों से बातचीत के दौरान, आदिवासियों विशेषतः महिलाओं, छात्रों के लिए सरकारी योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को विस्तृत जानकारी दी गई और माओवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए राज्य सरकार की पुनर्वास योजनाओं पर प्रकाश डाला गया.
इस मौके सरपंच आंध्राल, क्षेत्र के सभी वार्ड सदस्य, बोडबेल स्कूल के छात्र और अध्यापकगण इस कार्यक्रम में शामिल हुए और सीमा सुरक्षा बल के मानवीय दृष्टिकोण की सराहना की.

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