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युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे दोस्तों को लेकर जतायी चिंता
भुवनेश्वर. युद्धग्रस्त यूक्रेन से रविवार को मातृभूमि ओडिशा लौटने पर कई छात्रों और शिक्षकों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी. वे खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं कि रूसी सेना के आक्रमण से पहले समय से पहले बच गए. हालांकि कहीं न कहीं अपने कई दोस्तों के अभी भी यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे होने के कारण चिंता भी जतायी.
भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद एक छात्र ने कहा कि यूक्रेन में मेरे दोस्त रूस द्वारा बमबारी के कारण बहुत तनाव में हैं. वे अब सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं. पूरी विकास प्रक्रिया ठप हो जाएगी और युद्ध जैसी स्थिति के कारण यूक्रेन को अब 10 से 15 साल पीछे धकेल दिया जाएगा. एक अन्य शिक्षक ने कहा कि यह अनुमान लगाया कि स्थिति और खराब हो जाएगी. इसलिए हमने यूक्रेन छोड़ने का फैसला किया. हमें खुशी है कि हम ओडिशा वापस आ गए हैं. हालांकि, ओडिशा के बहुत सारे मेडिकल छात्रों को अभी भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दूतावास के अधिकारी उनके संपर्क में हैं.
कीव में फंसे एक छात्र ने कहा कि भुवनेश्वर पहुंचने के बाद मैं बहुत सुरक्षित महसूस कर रहा हूं. मैं छात्रों के समुदाय और भारत सरकार को निकासी प्रक्रिया में उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देता हूं. मैं घटनाक्रम से डर गया था, लेकिन मेरे दोस्त लगातार घटनाक्रम के बारे में अपडेट कर रहे थे.
उल्लेखनीय है कि ओडिशा के बहुत से छात्र अब यूक्रेन में फंसे हुए हैं. ओडिशा सरकार भारत सरकार के साथ लगातार संपर्क में है और राज्य से फंसे छात्रों और अन्य प्रवासियों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं.