-
गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर होगी पाबंदी, एक मार्च को शिवरात्रि
-
महाशिवरात्रि पर रात 10 बजे महादीप को लिंगराज मंदिर के ऊपर उठाया जाएगा
-
धार्मिक संस्थानों में प्रवेश के लिए कोविद-19 प्रतिबंधों में ढील
भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना संक्रमण में आयी गिरावट को देखते हुए भक्तों को राजधानी स्थित लिंगराज प्रभु के मंदिर में शिवरात्रि पर दीप जाने की अनुमति मिल गयी है. हालांकि इस दौरान भक्तों के गर्भ गृह में प्रवेश करने पर पाबंदी होगी. कोविद नियमों के सख्त पालन के साथ भक्त लिंगराज मंदिर में दीप जला सकते हैं.
यह जानकारी देते हुए खुर्दा के जिलाधिकारी संग्राम केशरी महापात्र ने बताया कि एक मार्च को पड़ने वाली महाशिवरात्रि पर रात 10 बजे महादीप को लिंगराज मंदिर के ऊपर उठाया जाएगा.
महापात्र ने बताया कि आज आयोजित समन्वय समिति की बैठक में महाशिवरात्रि के अनुष्ठानों के संचालन के लिए समय सारिणी को अंतिम रूप दिया गया. उन्होंने बताया कि बैठक में लिये गए निर्णय के अनुसार, श्रद्धालु कोविद प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन करते हुए मंदिर परिसर के अंदर दीप जला सकते हैं, लेकिन भक्तों को मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं होगी. भीड़ को रोकने पर जोर दिया जाएगा.
शिवरात्रि पर भगवान लिंगराज की अवकाश नीति सुबह 3 से 3.30 बजे के बीच होगी. सेवायतों के परिवार के सदस्यों को सुबह 5 बजे तक भगवान के दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी, वहीं भक्तों को सुबह 5 बजे के बाद दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी.
इधर, भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने कल राजधानी शहर में धार्मिक संस्थानों में प्रवेश के लिए कोविद-19 प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की. नगर आयुक्त द्वारा कल जारी आदेश के अनुसार, अब श्रद्धालुओं को शहर के किसी भी धार्मिक संस्थान में जाने के लिए डबल डोज टीकाकरण प्रमाण पत्र या पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी.
हालांकि, धार्मिक संस्थानों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि उनके परिसर में सभी कोविद नियमों का उपयुक्त व्यवहार किया जाए. राज्य में कोरोना संक्रमण में आयी गिरावट को देखते हुए नगर आयुक्त संजय सिंह ने यह आदेश जारी किया.