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कार्यक्रम में 75 छात्राओं ने लिया हिस्सा
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सीमा सुरक्षा बल की पहली महिला अधिकारी अमनदीप कौर ने छात्राओं को सशस्त्र बलों में कैरियर व अवसर के बारे में दी जानकारी
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नक्सल प्रभावित जिले की छात्राओं को सशस्त्र बल में शामिल होने के लिए किया गाय प्रेरित, दिया गया प्रशिक्षण
भुवनेश्वर. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कोरापुट के डीआईजी मदन लाल के मार्गदर्शन एवं योगिंदर अग्रवाल, कमांडेंट, 68 वाहिनी बीएसएफ की देखरेख में कोरापुट जिले के बंधुगांव क्षेत्र में 68 वाहिनी द्वारा एसएसडी गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल, नीलाबाड़ी (बंधुगांव ब्लॉक) में एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया.
नक्सल विरोधी अभियान में सीमा सुरक्षा बल की पहली महिला अधिकारी सुश्री अमनदीप कौर, सहायक कमांडेंट ने छात्रों के साथ एक सूचनात्मक और प्रेरक सत्र आयोजित किया. उन्होंने सशस्त्र बलों में शिक्षा और कैरियर के अवसरों के महत्व पर जोर दिया. इसके अलावा उन्होंने नक्सल विरोधी अभियान और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के कार्य में महिलाओं के महत्व के बारे में भी जानकारी साझा की. सत्र के दौरान उन्होंने छात्राओं को राष्ट्र की सेवा करने और जीवन में एक अद्वितीय दृष्टिकोण विकसित करने और सुरक्षा बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने भर्ती से पूर्व तैयारी हेतु प्रशिक्षण दिलाने के लिए उम्मीदवारों को आश्वासन दिया. इस सत्र में बीएसएफ में महिला भर्ती की प्रक्रिया, उनके वेतन और भत्तों, बीएसएफ महिला कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं और उनकी ड्यूटी की प्रकृति पर सवालों के जवाब दिए गए. छात्रों ने ‘सीमा भवानी’ (बीएसएफ की महिला मोटर साइकिल टीम) के दृश्यों का आनंद लिया.
इस कार्यक्रम में स्कूल की लगभग 75 छात्राओं और 23 शिक्षकों ने भाग लिया था. छात्रों, शिक्षकों और दूरस्थ लोगों का उत्साह वर्धन किया गया तथा जागरूकता और आत्मविश्वास पैदा करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम शुरू करने के लिए बीएसएफ के प्रति आभार व्यक्त किया. इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न आंतरिक क्षेत्रों में इस तरह के और अधिक कार्यक्रमों की मांग की ताकि आदिवासी युवाओं को नक्सल के बहकावे से बचाया जा सके. कोरापुट और मलकानगिरी जिलों में एक दशक से अधिक समय से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तैनात है. यह बल वामपंथी उग्रवाद की चुनौतीयों से निपटने में ओडिशा के पुलिस/प्रशासन को बहुमूल्य सहायता प्रदान कर रहा है और क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. सीमा सुरक्षा बल नक्सल विरोधी अभियान के अलावा जनता का दिलों को जीतने के लिए समय समय पर सिविक एक्शन प्रोग्राम, मेडिकल कैंप और आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन भी करती रहती है.