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कई जगहों पर हुए हमले, हिंसा और बहिष्कार
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डोंगरिया कोंध समुदाय के कुछ लोगों ने बूथ से एक मतपेटी को लेकर चलते बने
भुवनेश्वर. पहले और दूसरे चरण की तरह तीसरे चरण का पंचायत चुनाव भी हिंसाग्रस्त रहा. जाजपुर, केंद्रापड़ा समेत कई जगहों पर हिंसा और हमले की खबर है. कई जगहों पर चुनाव का बहिष्कार किया गया है. राज्य चुनाव आयुक्त आदित्य प्रसाद पाढ़ी ने मतदान समाप्त होने के बाद कहा कि कुल 71 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं ने केंद्रों पर मतदान किया है. रविवार को तीसरे चरण में 29 जिलों के 63 प्रखंडों में 171 जिला परिषदों, 1,382 ग्राम पंचायतों के लिए राज्यभर में 18,945 बूथों पर मतदान हुआ. उन्होंने कहा कि जाजपुर में कई घटनाएं हुईं हैं. पत्रकारों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. आयोग ने घटना पर सख्त संज्ञान लिया है और डीजीपी और जाजपुर जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है. उन्होंने बताया कि मालकानगिरि जिले में मतदान प्रतिशत उत्साहजनक है. माओवादी प्रभावित होने के बावजूद मैथिली और पोडिया प्रखंडों में भारी मतदान हुआ है. तीसरे चरण में राज्य में कुल 56.53 लाख वोट पड़े.
उन्होंने कहा कि हिंसा और संबंधित गतिविधियों की घटनाओं के कारण मतदान प्रक्रिया बाधित हुई थीं. एसईसी ने इस संबंध में संबंधित जिला कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगी है और तदनुसार कार्रवाई की जाएगी.
इधर, मतदाता सूची में अपना नाम न होने से नाराज रायगड़ा जिले के नियामगिरि क्षेत्र के चटिकोना गांव में डोंगरिया कोंध समुदाय के कुछ लोगों ने बूथ से एक मतपेटी जब्त कर ली.
जानकारी के अनुसार, जिले के सुनखंडा पंचायत के रेलिमा गांव में बूथ संख्या-14 से वोटरलिस्ट से अपना नाम गायब होने के कारण मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाने के विरोध में समुदाय के कुछ सदस्यों ने मतपेटी को उठा कर चलते बने.
15 साल के लंबे अंतराल के बाद वोट डालने वाले समुदाय ने आरोप लगाया कि ऊपरी और निचले मुसुदी क्षेत्र के 100 से अधिक लोगों के नाम मतदाता सूची में गायब हैं. घटना की जानकारी पाते ही उपमंडल पुलिस अधिकारी और अन्य शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों ने कोंधों को मतपेटी वापस करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन आंदोलनकारी पेटी वापस नहीं करने पर आमादा थे.
इधर, मतदान के दौरान भद्रक जिले के कोल्हा पंचायत के बूथ नंबर चार पर गुस्साए स्थानीय लोगों ने पीठासीन अधिकारी के साथ मारपीट की और मतपेटी को पास के तालाब में फेंक दिया, जिससे तनाव बढ़ गया.
सूत्रों के अनुसार, दोपहर 1 बजे के बाद बूथ पर अधिकारी मतपेटी को सील करने ही वाले थे कि दर्जनों लोग मतदान कक्ष में घुस गए और बूथ में तोड़फोड़ करने लगे. नाराज लोगों ने मतपेटी को पास के तालाब में फेंकते समय पीठासीन अधिकारी नरेंद्र प्रसाद बेहरा और बूथ में मौजूद अन्य कर्मचारियों पर भी हमला कर दिया. मतपत्रों को गलत तरीके से मोड़ने का कारण ग्रामीणों में आक्रोश है. पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन गुस्साए लोगों को शांत करने में नाकाम रही. इसके बजाय गुस्साए लोगों ने पुलिस वैन को रोक लिया. बाद में प्रशासनिक अधिकारी भी स्थिति का जायजा लेने गांव पहुंचे.