भुवनेश्वर. ओडिशा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान छिटपुट हिंसक घटनाओं के साथ बुधवार को संपन्न हुआ. राज्य चयन आयोग (एसईसी) के कार्यालय ने कहा कि दोपहर एक बजे तक 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ.
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, सुबह सात बजे से शुरू हुआ मतदान दोपहर एक बजे संपन्न हुआ. मतदाता सुबह से ही अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्रों के सामने लंबी कतारों में खड़े देखे गए. उन्होंने सरपंच, वार्ड सदस्य, समिति सदस्य और जिला परिषद पदों के निर्णय के लिए मतपत्रों पर अपना वोट डाला.
पहले चरण में, 200 जिला परिषद क्षेत्रों में 1,669 सरपंच और समान संख्या में समिति सदस्य पदों के लिए मतदान हुआ था. इसी तरह 22,379 वार्ड सदस्य पदों के लिए भी मतदान हुआ.
एसईसी के अनुसार, कुछ उम्मीदवारों की मौत के बाद 23 स्थानों पर मतदान रद्द कर दिया गया था.
मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद मतपेटियों को प्रखंड मुख्यालय स्थित स्ट्रांग रूम में स्थानांतरित कर दिया गया. राज्य में इसके बाद और चार चरणों में मतदान 18, 20, 22 और 24 फरवरी को होगा. मतों की गिनती 26 फरवरी से शुरू होगी.
राज्य के सभी मतदान केंद्रों से आज हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं. पुरी में पत्रकारों पर हमले हुए. ब्रह्मगिरि प्रखंड के के काशीझरिया गांव में मतपेटियां छीन लेने से बूथ पर मतदान बाधित हो गया.
मयूरभंज जिले के बड़ाफेनी वार्ड नंबर 1 के सरजामडीही के लगभग 500 मतदाताओं ने नई मतदाता सूची से उनके नाम गायब होने के बाद चुनाव का बहिष्कार किया. सूची में कथित तौर पर गांव के केवल 64 लोगों के नाम दर्ज है. सुजानपुर पंचायत के बूथ-1 पर कुछ बदमाशों द्वारा बैलेट पेपर स्टांप चोरी करने को लेकर दो गुटों में झड़प के बाद मतदान प्रक्रिया बाधित हो गयी. एक अन्य घटना में अलंदा पंचायत के बूथ-4 के अंदर बदमाशों के हमले में तिछीनी गांव के 30 से अधिक लोग घायल हो गए.
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