जानकारी के अनुसार, एएसआई की टीम ने सुकसरी मंदिर के उत्तर-पूर्वी हिस्से की ओर प्राचीन मंदिर के खंडहरों को देखा. यहां खुदाई के दौरान प्राचीन संरचना मिली. यह संरचना सातवीं शताब्दी की मानी जा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण सुकसरी मंदिर और भगवान लिंगराज मंदिर से बहुत पहले किया गया था, जो इस क्षेत्र का सबसे बड़ा और सबसे प्रमुख स्मारक हैं.
खोजा गया मंदिर परशुरामेश्वर मंदिर की शैली में बनाया गया है, जो स्थल से लगभग आधा किलोमीटर दूर है. परशुरामेश्वर मंदिर का निर्माण सैलोदभाबा वंश के काल में हुआ था, जिसने 6-8वीं शताब्दी के दौरान पूर्वी भारत के कई हिस्सों पर शासन किया था और इसकी राजधानी आधुनिक बाणपुर में स्थित थी.
इस बीच, एएसआई के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि चल रही उत्खनन प्रक्रिया के दौरान क्षेत्र से ऐसी और भी प्राचीन संरचनाएं मिलेंगी.
उल्लेखनीय है कि एएसआई विशेषज्ञों द्वारा पिछले साल अक्टूबर में इसी स्थान से एक और प्राचीन मंदिर के खंडहरों की खोज की गई थी. एएसआई टीम ने सुकसरी मंदिर के उत्तर-पूर्व कोने से प्राचीन संरचना के तहखाने की खोज की थी. विशेषज्ञों का मानना है कि प्राचीन संरचना सुकसरी मंदिर से कई साल पहले बनाई गई थी.
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