-
मर्यादाः सत्यं,शिवं और सुन्दरं है -जैन मुनि जिनेश
भुवनेश्वर. महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेश कुमार के सानिध्य में सोमवार को 158वा मर्यादा महोत्सव मनाया गया. स्थानीय तेरापंथ भवन में आयोजित इस महोत्सव में उपस्थित जैन धर्माववलम्बियों को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री जिनेश कुमार ने कहा कि मर्यादा, परिवार, समाज, देश एवं व्यक्ति के खुद के विकास की आधार होती है. मर्यादा की सीमा में व्यक्ति का सम्पूर्ण सामाजिक एवं आध्यात्मिक विकास होता है. मर्यादाओं के उल्लंघन से विनाश होता है.
मुनिश्री ने कहा कि भारत वर्ष में जैन तेरापंथ धर्म संघ एकमात्र ऐसा संप्रद्राय है, जहां विक्रम संबत 1938 में बने मर्यादा पत्र के आधार पर सम्पूर्ण साधु समाज एवं उनके अनुवायी चलते हैं. ऐसे उदाहरण विरल ही देखने को मिलते हैं. मुनिश्री ने कहा कि अगर कोई कितना भी पढ़ा लिखा, विद्वान, तपमस्वी क्यों ना हो, परन्तु यदि वह मर्यादित नहीं है तो फिर गण यानी समाज में रहकर भी विकास नहीं कर सकता है. जैन मुनि जिनेशजी ने बताया कि जैन धर्म मर्यादा के बहुआयामी रुप को अपनाकर इसे सत्यं,शिवं तथा सुन्दरं बना दिया है. मर्यादा एक अनुशासन है. जीवनशैली है. शाश्वत आध्यात्मिक जीवन मूल्य है. सामाजिक मूल्य है. नैतिक मूल्य है और जैन संतों, संन्यासियों तथा उसको माननेवालों तथा अपनानेवालों का यथार्थ जीवन है. मर्यादा सभी के सम्यक विकास के लिए मूलमंत्र है. अगर मर्यादा नहीं रहेगी तो कुछ भी नहीं रहेगा. इसलिए आज का दिन न केवल मर्यादा महोत्सव मनाने मात्र का नहीं है, अपितु इसे मन, वचन और कर्म से अपनाने का है.
मुनिश्री के द्वारा नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरूआत हुई. सभा अध्यक्ष बच्छराज बेताला के स्वागत वक्तव्य के पश्चात कन्या मंडल, महिला मंडल एयं युवक परिषद की तरफ से मर्यादा से संबन्धित गीत की प्रस्तुति दी गई. बाल मुनि कुणाल कुमार एवं कमल सेठिया ने सुमधुर गीत प्रस्तुत कर उत्सव में चार चांद लगा दिया. सभा के वरिष्ठ सदस्य प्रकाश बेताला ने मर्यादा के संबन्ध में अपनी प्रस्तुति दी. समारोह में जैन समाज की कन्या मंडल, महिला मंडल, युवक परिषद तथा सभा के तमाम सदस्य उपस्थित रहकर मुनिश्री द्वारा प्रदत्त ज्ञान का आहरण किया. यहां उल्लेखनीय है कि पूरे देश में आज जैन संप्रदाय की तरफ से मर्यादा महोत्सव मनाया जा रहा है.
स्थानीय तेरापंथ भवन में आज प्रातः9.00 बजे से 11.00 बजे तक 158वां मर्यादा महोत्सव आयोजित हुआ. श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, तेरापंथी महिला मण्डल तथा तेरापंथ युवक परिषद भुवनेश्वर के सौजन्य से आयोजित मर्यादा महोत्सव में पूरे ओडिशा के अनेक जैन धर्माववलंबियों ने हिस्सा लिया. महातपस्वी युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य जैन मुनि जिनेश कुमारजी ठाणा-3 और उनके संग आगत सभी जैन साधुओं का स्वागत और अभिनन्दन आदि भुवनेश्वर जैन ज्ञानशाला के बच्चों,महिला मण्डल की सदस्यों तथा तेरापंथ युवा परिषद तथा जैन सभा के सदस्यों द्वारा पूरी तरह से मर्यादा के दायरे में रखकर प्रस्तुत किया गया. सर्वप्रथम स्वागत की औपचारिकता अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने पूरी की. जैन मुनि जिनेश के समक्ष पूरे ओडिशा से पधारे जैनियों ने अपने-अपने उद्गार मर्यादा की सीमा में रहकर प्रस्तुत किया.