-
हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती, मां का पता नहीं
पुरी. पुरी के जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) के शौचालय में गुरुवार को एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली. एक सफाईकर्मी ने शिशु को देखा और अस्पताल के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी. बच्ची को बचा लिया गया है और अस्पताल में बीमार नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भर्ती कराया गया. बच्चे की हालत नाजुक बताई जा रही है.
हालांकि अस्पताल प्रशासन ने अभी तक नवजात की मां की पहचान नहीं कर पाया है. इस बीच सूचना मिलते ही जिले के चाइल्डलाइन अधिकारी अस्पताल पहुंचे.
बताया गया है कि गुरुवार को पुरी में जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) के मदर एंड चाइल्ड केयर बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर एक शौचालय के ड्रेनेज पाइप के अंदर यह नवजात बच्ची मिली. उसकी नाड़ी जुड़ी हुई थी.
सफाईकर्मी शौचालय के बंद नालियों की जांच के लिए गया था. उसने देखा कि उसमें नवजात फंसी हुई. यह देखकर वह हड़बड़ा गया और तुरंत उसे बाहर निकाला तथा अस्पताल के अधिकारियों को सूचित किया. शौचालय के ड्रेनेज पाइप के अंदर बच्ची किन परिस्थितियों में पहुंची, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है. अस्पताल के डॉक्टरों को संदेह है कि यह समय से पहले का डनमा बच्चा हो सकता है. डाक्टरों ने कहा कि मां ने अपनी गर्भावस्था के छह महीने 15 दिनों के दौरान इसे जन्म दिया होगा.
एसएनसीयू के प्रभारी डॉ सूर्य नारायण मिश्र ने कहा कि बच्चे की हालत गंभीर है और उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है. हालांकि दिल की धड़कन की दर सामान्य है, लेकिन संतृप्ति का स्तर कम है.
उन्होंने कहा कि शिशु को नाड़ी के साथ पाया गया है. ऐसा लगता है कि वह आज पैदा हुई है.
मिश्र ने कहा कि महिला ने अस्पताल के बाहर कहीं बच्चे को जन्म दिया होगा और बच्चे को शौचालय के ड्रेनेज पाइप में फेंक दिया होगा या हो सकता है कि अस्पताल में इलाज के लिए आने पर उसे प्रसव पीड़ा हुई हो और बच्चे को शौचालय में जन्म दिया हो और चली गई हो.
उन्होंने कहा कि यह संभव है कि महिला ने अपनी गर्भावस्था के बारे में अस्पताल के किसी कर्मचारी को सूचित नहीं किया या जब तक वह अस्पताल पहुंची तब तक वह प्रसव पीड़ा में थी. मिश्र ने कहा कि अगर वह किसी कर्मचारी को सूचित की होती तो अस्पताल में किसी की नजर में रहती. इस बीच डीएचएच की पुलिस चौकी से सूचना मिलने के बाद जिले के चाइल्डलाइन अधिकारी अस्पताल पहुंचे और घटना की जांच शुरू कर दी है.
चाइल्डलाइन काउंसलर यशोदा स्वाईं ने बताया कि बच्चे की हालत गंभीर है. अभी उसका इलाज चल रहा है. उनका ऑक्सीजन लेवल अभी भी कम है. शिकायत मिलने पर हम अस्पताल पहुंचे. नवजात शिशु के परिवार के सदस्यों की पहचान का पता नहीं चल पाया है.