भुवनेश्वर. केंद्रीय बजट-2022 में रीयल एस्टेट को प्रत्यक्ष फायदा नहीं दिखा है. हालांकि अप्रत्यक्ष रुप कुछ इसके फायदे इस क्षेत्र को मिलेगी. उक्त बातें बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए क्रेडाई ओडिशा के चेयरमैन डीएस त्रिपाठी ने कहीं. उन्होंने कहा कि इस साल का बजट इस क्षेत्र की अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. हालांकि, बजट ने शहरी नियोजन और बुनियादी ढांचे पर जोर दिया है. शहरी योजनाकारों और अर्थशास्त्रियों को मिलाकर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन जायेगा, ताकि शहरी क्षमता निर्माण, योजना कार्यान्वयन और शासन पर सिफारिशों की जा सकें.
त्रिपाठी ने कहा कि शहरी नियोजन के लिए 5 मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों को 250 करोड़ रुपये की बंदोबस्ती निधि के साथ उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया जाएगा तथा आधुनिक भवन उपनियम पेश किए जाएंगे. शहरी नियोजन के लिए एक उच्चस्तरीय पैनल गठित किया जाएगा. शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक परिवहन बढ़ावा मिलने से दूर-दराज के इलाकों में रीयल एस्सेट को विस्तार करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2022-23 का बजट प्रस्तुत करते हुए शहरी क्षेत्र की नीतियों, क्षमता सृजन, नियोजन, क्रियान्वयन, प्रशासन के बारे में सिफारिशें करने के लिए जाने-माने शहरी नियोजकों, शहरी अर्थशास्त्रियों तथा संस्थानों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का प्रस्ताव किया है, ताकि शहरी विकास में मूलभूत परिवर्तन लाया जा सकें. सीतारमण ने कहा कि शहरी नियोजन का सामान्य दृष्टिकोण जारी नहीं रखा जा सकता, क्योंकि भारत के @100 पर पहुंचने तक हमारी लगभग आधी आबादी शहरी क्षेत्रों में रहने लगेगी. इसकी तैयारी के लिए व्यवस्थित शहरी विकास महत्वपूर्ण है. इससे देश की आर्थिक क्षमता का उपयोग किया जा सकेगा, जिसमें जनसांख्यिकीय लाभ के लिए आजीविका संबंधी अवसर भी आते हैं. इसके लिए एक ओर जहां हमें मेगा-सिटीज के पोषण की जरूरत है, आस-पास के क्षेत्रों को आर्थिक विकास के वर्तमान केन्द्रों के रूप में विकसित करने की आवश्यकता हैं वहीं दूसरी ओर हमें टायर-2 तथा टायर-3 शहरों में सुविधा प्रदान किए जाने की जरूरत है, जिससे कि इनको भविष्य के लिए तैयार किया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा कि हमें अपने शहरों को जीवन के दीर्घकालिक मार्गों के केन्द्र के रूप में देखने की आवश्यकता है, जिसमें सभी के लिए विशेषकर महिलाओं और युवाओं के लिए अवसर उपलब्ध हों.