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केन्‍द्रीय बजट – विशेष आर्थिक जोन अधिनियम को बदलने के लिए नया कानून

  • जीआईएफटी सिटी में पाठ्यक्रम पेश करने के लिए विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालय, घरेलू विनियमों से मुक्त

  • जीआईएफटी सिटी में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे

  • देश में धारणीय तथा जलवायुपरक वित्त के लिए जीआईएफटी सिटी वैश्विक पूंजी के लिए सेवाओं में सहायता देगी


नई दिल्ली. केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2022-23 का बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, “विशेष आर्थिक जोन अधिनियम के स्थान पर नया कानून लाया जाएगा, जो उद्यमों तथा सेवा केन्द्रों के विकास में राज्यों को सहयोगी बनाने में सक्षम बनाएगा।” उन्होंने कहा कि इसमें सभी बड़े वर्तमान तथा नए औद्योगिक इन्क्लेव कवर किए जाएगे, ताकि वे उपलब्ध अवसंरचना का अधिकतम उपयोग कर सके और निर्यात स्पर्धा बढ़ा सके।

उन्होंने जीआईएफटी सिटी को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न पहलों का भी प्रस्ताव किया।

जीआईएफटी-आईएफएससी

वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को जीआईएफटी शहरों में वित्तीय प्रबंधन, फिनटेक, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित में पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति दी जाएगी और केवल आईएफएससीए द्वारा चलाए जाने वाले पाठ्यक्रमों को छोड़कर इन्हें घरेलू विनियमों से मुक्त रखा जाएगा।

श्रीमती सीतारमण ने जीआईएफटी शहरों में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव किया, ताकि अंतर्राष्ट्रीय न्यायशास्त्र के अनुसार विवादों का समय पर समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश में सतत एवं माहौल के अनुरूप वित्त पोषण के लिए वैश्विक पूंजी जुटाने के लिए आवश्यक सेवाएं जीएफआईटी शहरों में दी जाएगी।

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