गिरफ्तार किए गए लोगों में बच्चे के माता-पिता नटवर बेहरा और कंचन भी शामिल हैं. बताया गया है कि आंगनवाड़ी कर्मचारी इस सौदे में बिचौलिया था. चूंकि दंपति की पहले से ही तीन बेटियां थीं, इसलिए उन्होंने धर्मशाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में प्रसव के तुरंत बाद केंद्रापड़ा के महाकालपाड़ा क्षेत्र के एक निःसंतान दंपति को नवजात को 12,000 रुपये में बेच दिया.
हालांकि, नटवर ने दावा किया कि वह एक दिहाड़ी मजदूर है और उसके लिए चार बच्चों की देखभाल करना मुश्किल होगा. इसलिए उन्होंने और उनकी पत्नी ने बच्चे को गोद लेने के लिए अपने निःसंतान रिश्तेदार को सौंपने का फैसला किया. नटवर ने भी लड़की को सौंपने के लिए कोई पैसा लेने से इनकार कर दिया.
मामला तब सामने आया जब कुछ ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना जिला प्रशासन को दी, जिसके बाद जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) को मामले की जांच करने और विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया. इसके बाद डीसीपीयू के अधिकारी गांव पहुंचे और बच्चे को बचाया.
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