भुवनेश्वर. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ओडिशा में विकसित पहले रैपिड एंटीजन कोविद-19 टेस्ट किट को मंजूरी दे दी है. किट को इमकोव-एजी नाम दिया गया है. इमकोव-एजी को भुवनेश्वर स्थित आईएमजेनेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, भुवनेश्वर के सहयोग से विकसित किया गया है. जानकारी के मुताबिक, दो महीने के भीतर कोविद-19 के नमूनों की जांच के लिए किट बाजार में उपलब्ध हो जाएगी. यह ओडिशा में विकसित पहली रैपिड एंटीजन टेस्ट किट है. नई किट के माध्यम से नासॉफिरिन्जियल स्वाब के नमूने प्राप्त करके कोविद परीक्षण किया जाएगा. कंपनी के सीईओ डॉ सुजय सिंह ने बताया कि दो महीने के भीतर यह बाजार में उपलब्ध हो जाएगा. आईसीएमआर के अनुसार, अब तक 150 एंटीजन आधारित रैपिड टेस्ट किट को मान्य किया गया है.
डॉ संघमित्रा पति, निदेशक आईसीएमआर-आरएमआरसी, भुवनेश्वर ने कहा कि सभी प्रकार के कोविद-19 परीक्षण किट जैसे रैपिड एंटीजन, एंटीबॉडी के साथ-साथ आरटी-पीसीआर किट का उपयोग आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित होने के बाद किया जाता है. कंपनी ने सबसे पहले किट विकसित करना शुरू किया और आरएमआरसी भुवनेश्वर ने इन-हाउस परीक्षण और सत्यापन के लिए बौद्धिक सहायता प्रदान की. इसके बाद हमने अनुमोदन के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया. आईसीएमआर ने मौजूदा प्रोटोकॉल के अनुसार तीसरे पक्ष द्वारा किट का मूल्यांकन किया और कल (27 जनवरी) को स्वीकृति पत्र जारी किया.
आरएमआरसी के निदेशक ने आगे कहा कि आईसीएमआर किसी भी कोविद परीक्षण किट को मंजूरी देते समय संवेदनशीलता और विशिष्टता के मानदंडों का पालन करता है और ओडिशा निर्मित यह किट सभी मानकों पर खरा उतरा है.