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प्रमाणों को नष्ट कर दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है जाजपुर जिला प्रशासन – भाजपा
भुवनेश्वर. धर्मशाला के पंचायत कर्मचारी स्मितारानी बिश्वाल की मृत्यु जहां हुई थी, उस रंगशाला को प्रशासन द्वारा तोड़ दिये जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है . पार्टी ने कहा है कि तथ्य व प्रमाणों को नष्ट करने के लिए राज्य सरकार इसे तोड़ रही है. भाजपा के प्रदेश सचिव डा लेखाश्री सामंत सिंहार ने पार्टी कार्यालय में आय़ोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह रंगशाला भवन गैरकानूनी तरीके से बीजद नेता द्वारा बनवाया गया था . सरकारी रिकार्ड के अनुसार 2018 में प्रशासन ने कागजों में इस गैरकानूनी भवन को तोड दिया था, लेकिन वास्तव में इसे तोड़ा नहीं गया था. यदि इस भवन को 2018 में केवल कागजों पर ही नहीं, बल्कि वास्तव में तोड़ा गया होता तो स्मितारानी जीवित होती. डा सामंत सिंहार ने कहा कि राज्य सरकार किसके लिए इस गैरकानूनी भवन को तोड़ नहीं रही थी और अब प्रमाण नष्ट करने के लिए आनन-फानन में क्यों तोड़ा. उन्होंने कहा कि स्मितारानी की हत्या के समय मुख्य आरोपित रुपेश भद्रा के साथ-साथ और चार बीजद के चुने हुए जनप्रतिनिधि व रामको सीमेंट कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे. उस दिन इस भवन में क्या घटा था, इसका प्रमाण इस भवन में ही था. स्मितारानी की हत्या के बाद इस भवन में लगे सीसीटीवी कैमरे को हटा लिया गया था. उन्होंने सवाल किया कि पुलिस सीसीटीवी कैमरे को जब्त करने में क्यों नाकामयाब रही. उन्होंने कहा कि वर्तमान में वह सीसीटीवी कैमरे किसके पास हैं. उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपित रुपेश भद्रा, बीजद के जनप्रतिनिधि व रामको के अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रुप से तथ्य व प्रमाणों को नष्ट करिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जाजपुर के एसपी चरण सिंह मीना ने जांच को दूसरी दिशा में लेने की कोशिश की, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं है. अब पुलिस व जिला प्रशासन एक के बाद एक प्रमाणों को नष्ट करने में जुटा है .
सही दिशा में चल रही है जांच – दिव्यशंकर मिश्र
धर्मशाला के पंचायत कर्मचारी स्मितारानी बिश्वाल की मृत्यु के मामले में रंगशाला को तोड़ने के संबंध में भाजपा द्वारा लगाये गये आरोपों पर राज्य के गृह राज्य मंत्री दिव्यशंकर मिश्र ने प्रतिक्रिया दी है. मिश्र ने कहा कि मो सरकार व फाइव-टी के कार्यान्वयन के बाद पुलिस के आचरण व उच्चारण में परिवर्तन आया है. अब पुलिस व्य़वहार में व जांच में तेजी ला रही है. कानून के अनुसार कार्य कर रही है. स्मितारानी के मामले में भी पुलिस उचित जांच कर कार्रवाई कर रही है.