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राज्य के और 15 जिलों में डब्ल्यूटीपीआर 10 फीसदी से ऊपर
भुवनेश्वर. ओडिशा में दैनिक मामलों की लगातार गिरावट के बीच 16 जिलों में अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है. 15-21 जनवरी के सप्ताह के दौरान साप्ताहिक परीक्षण सकारात्मक दर (डब्ल्यूटीपीआर) विस्फोटक स्थिति को दर्शा रहे हैं. 18 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में केवल 13 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक का डब्ल्यूटीपीआर था, जबकि इसके अगले यानी 21 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में इस श्रेणी के जिलों की सूची बढ़कर 16 हो गई. खुर्दा जिले में अब भी खतरा काफी गंभीर दिख रहा है.
साप्ताहिक परीक्षण सकारात्मक दर की गणना किसी राज्य या जिले में महामारी की व्यापकता को सटीक रूप से निर्धारित करने के लिए सात दिनों तक के औसत दैनिक मामलों को ध्यान में रखकर की जाती है.
21 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान खुर्दा जिले में डब्ल्यूटीपीआर 33.6 प्रतिशत था, जबकि बालेश्वर जिले में डब्ल्यूटीपीआर 28.18 प्रतिशत, सुंदरगढ़ जिले में डब्ल्यूटीपीआर 24.6 प्रतिशत, कलाहांडी जिले में डब्ल्यूटीपीआर 19.2 प्रतिशत, कटक जिले में डब्ल्यूटीपीआर 16.29 प्रतिशत, रायगड़ा जिले में डब्ल्यूटीपीआर 16.02 प्रतिशत, मयूरभंज जिले में डब्ल्यूटीपीआर 15.95 प्रतिशत, बलांगीर जिले में डब्ल्यूटीपीआर 14.72 प्रतिशत, अनुगूल जिले में डब्ल्यूटीपीआर 12.09 प्रतिशत, केंदुझर जिले में डब्ल्यूटीपीआर 10.91 प्रतिशत, संबलपुर जिले में डब्ल्यूटीपीआर 10.81 प्रतिशत, बरगड़ जिले में डब्ल्यूटीपीआर 10.58 प्रतिशत, गजपति जिले में डब्ल्यूटीपीआर 10.21 प्रतिशत, ढेंकानाल जिले में डब्ल्यूटीपीआर 10.08 प्रतिशत, नवरंगपुर जिले में डब्ल्यूटीपीआर 10.05 प्रतिशत तथा नयागढ़ जिले में डब्ल्यूटीपीआर 10.04 प्रतिशत दर्ज की गयी है.
ऐसी स्थिति में किसी भी स्तर पर थोड़ी भी लापरवाही बरती गयी, तो कोरोना संक्रमण की स्थिति विस्फोटक हो सकती है. खासकर राज्य में 16 फरवरी से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं. हालांकि इस दौरान कोरोना नियमों के सख्ती से पालन कराने को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी हैं, लेकिन लोगों को भी अपने स्तर पर सतर्क रहना होगा, अन्यथा कोरोना संक्रमण को बढ़ने से कोई भी नहीं रोक पायेगा. अक्सर ऐसे समयों पर संक्रमण में उछाल देखने को मिला है, जब किसी मौके पर अधिक भीड़ या सभा का आयोजन होता है.