-
बलियापाल पुलिस थाने ग्राम प्रधान को धक्का देने का दृश्य कैद
-
थाने के आईआईसी परशुराम साहू ने आरोपों का खंडन किया
बालेश्वर. जिले के बलियापाल पुलिस थाने के अंदर एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) द्वारा कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने और एक ग्राम प्रधान को धक्का देने का वीडियो अब सोशल पर वायरल हो रहा है. घटना के विवाद को सुलझाने के दौरान की बतायी जा रही है. हालांकि आईआईसी परशुराम साहू ने आरोपों का खंडन किया है.
जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों का एक समूह विवाद को सुलझाने के लिए थाने आया था. एक हंस की मौत को लेकर स्थानीय मधुपुरा पंचायत सरपंच के परिवार के सदस्यों द्वारा एक आदिवासी महिला के साथ मारपीट को लेकर विवाद था. आरोप लगाया है कि सरपंच के परिवार के सदस्यों ने 18 जनवरी को हंस को जहर देने का आरोप लगाकर गल मुर्मू नामक एक महिला की पिटाई कर दी थी. शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि हंस की मौत के लिए हमें जिम्मेदार ठहराने के बाद उन्होंने मुझ पर और मेरे बेटे पर हमला किया था. बाद में वह कुछ ग्रामीणों के साथ पास के थाने गई और सरपंच के भाई, भाभी और भतीजे के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई. हालांकि, जब पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया तो सरपंच के परिवार के सदस्य सामने नहीं आए, जिससे विरोधी समूह नाराज हो गया. बाद में घंटों इंतजार करने के बाद जब शिकायतकर्ता ने पुलिस से देरी का कारण पूछा तो पुलिस एएसआई ने शिकायतकर्ता के साथ वहां मौजूद ग्राम प्रधान मुन्ना हंसदा के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया.
हंसदा ने आरोप लगाया कि हमने पुलिस स्टेशन में दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार किया था. जब हमने पुलिस अधिकारी से पूछा तो हमें बताया गया कि विरोधी पक्ष नहीं आए हैं. बाद में, पुलिस अधिकारी ने मुझे थाने के अंदर खींच लिया और मेरे साथ मारपीट की. इस बीच, बलियापाल पुलिस स्टेशन के आईआईसी परशुराम साहू ने आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि एक शिकायत दर्ज की गई थी. चूंकि थाने में काफी लोग जमा थे, इसलिए कुछ समस्या हो सकती थी, लेकिन किसी को पीटा नहीं गया.