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परिजनों ने चिकित्सकीय लापरवाही का लगाया आरोप, राजमार्ग को जामकर कार्रवाई की मांग की
भुवनेश्वर. कलाहांडी जिले के धर्मगढ़ अनुमंडल अस्पताल में एक गर्भवती आशाकर्मी की मौत को लेकर लोगों में आक्रोश भर गया और उन्होंने स्थानीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया. लोगों का कहना था कि चिकित्सकीय लापरवाही के कारण गर्भवती स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मौत हुई है. उसकी मौत की खबर सुनते ही गुस्साए लोगों ने शनिवार को व्यस्त धर्मगढ़-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप कर दिया. मृतक की पहचान सुमित्रा राउत के रूप में बतायी गयी है. वह एक आशाकर्मी थीं और गर्भवती महिलाओं को सहायता प्रदान करने और उनकी सुरक्षित तथा संस्थागत प्रसव की सुविधा प्रदान करने में लगी हुई थीं. वह तेनापाली गांव की रहने वाली थी.
जानकारी के मुताबिक, सुमित्रा को प्रसव पीड़ा होने के बाद शुक्रवार शाम को परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों ने धर्मगढ़ अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों का आरोप है कि चिकित्सकीय लापरवाही के कारण गर्भवती मां की मौत हुई है. एक रिश्तेदार ने कहा कि डॉक्टरों ने सुमित्रा का इलाज करने के दौरान बहुत लापरवाही की. जब उसकी हालत बिगड़ गई, तो उन्होंने उसे तुरंत भवानीपाटना के जिला मुख्यालय अस्पताल में लगभग 3 बजे रेफर कर दिया. इस प्रक्रिया में उसकी मृत्यु हो गई. आक्रोशित परिवार के सदस्यों और मृतक के परिजनों ने कुछ स्थानीय लोगों के साथ धर्मगढ़-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना दिया. प्रदर्शनकारियों ने चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की और इलाज में कथित लापरवाही के लिए दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. विरोध के चलते काफी देर तक सड़क पर वाहनों की आवाजाही बाधित रही.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि चिकित्सीय लापरवाही के कारण जान गंवाने वाली गर्भवती आशा कार्यकर्ता के लिए न्याय की मांग को लेकर हम सड़क जाम कर रहे हैं. गलती करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए.