भुवनेश्वर. प्रख्यात अनुभवी अभिनेता मिहिर दास का कटक के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. वह 63 वर्ष के थे. वह पिछले कुछ वर्षों से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे. करीब एक महीने पहले उन्हें कटक के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे और डायलिसिस चल रहा था. 11 फरवरी, 1959 को मयूरभंज जिले में जन्मे मिहिर ने एक कला फिल्म ‘स्कूल मास्टर’ से अपनी शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने 1979 में ‘मथुरा बिजय’ के साथ अपनी व्यावसायिक फिल्म में पदार्पण किया. अनुभवी अभिनेता ने 1998 में रिलीज़ हुई ‘लक्ष्मी प्रतिमा’ और 2005 में रिलीज़ हुई ‘फ़ेरिया मो सुना भौनी’ में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए राज्य सरकार से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता. 2007 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘मु टेट लव करुछी’ के लिए उन्होंने ‘सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता’ का पुरस्कार जीता. ‘पुआ मोरा भोलाशंकर’ में उनके शानदार अभिनय को लोग कभी नहीं भूल पाएंगे. उन्होंने ओटीवी पर सुपर-हिट रियलिटी शो ‘आशारा आलोक’ की मेजबानी की और घरेलू विवादों से जूझ रहे कई जोड़ों और उनके परिवारों को एक करने में मदद की. उन्हें 2021 में तरंग सिने प्रोडक्शंस द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया. महान अभिनेता के निधन ओडिशा के उनके चेहतों में शोक की लहर दौड़ गयी है.
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