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ओडिशा में ग्रामीणों का गुस्से का अजीब इजहार, बांस का टावर बना उद्धाटन को विधायक बुलाया

  • मोबाइल नेटवर्किंग से परेशान लोगों ने जनप्रतिनिधि को शर्मिंदा करने के लिए उठाया यह कदम

  • ग्रामीणों की हरकत से दंग रहे स्थानीय विधायक प्रदीप कुमार दिशारी

कलाहांडी. ओडिशा में त्रिस्तरीय चुनाव से पूर्व कलाहांडी जिले के एक गांव के लोगों ने अपनी मांगों को पूरा नहीं होने पर अजीब तरीके से गुस्से का इजहार किया. मोबाइल की खराब नेटवर्किंग से परेशान ग्रामीणों ने बांस का टावर और उद्घाटन के बैनर बनाकर स्थानीय विधायक को उद्घाटन के लिए आमंत्रित कर दिया, लेकिन मौके पर पहुंचे लांजीगढ़ से बीजद विधायक प्रदीप कुमार दिशारी दंग रह गये. उन्होंने मौके पर बांस का टावर तथा एक उद्घाटन को लेकर एक बैनर लगा हुआ पाया.

विधायक दिशारी अगामी पंचायत चुनावों से पहले बैतीखामन गांव सहित अपने निर्वाचन क्षेत्र में नियमित दौरे करने आए थे. इस दौरान पड़ोसी बांधपारी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने उनसे अपने गांव में एक मोबाइल टावर का उद्घाटन करने का अनुरोध किया. दिशारी इसके लिए राजी भी हो गए. जब वह गांव के मैदान में पहुंचे तो उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है. मोबाइल टावर के स्थान पर बांस से निर्मित एक डमी टावर खड़ा था. इस टावर पर स्थानीय भाषा ओड़िया में ‘बीएसएनएल-4जी’ लिखा बैनर भी टंगा था. डमी टावर के चारों ओर गुस्साए ग्रामीण खड़े थे, जो कि इलाके में खराब मोबाइल नेटवर्क के बारे में सवाल दाग रहे थे. मौके पर पास में ही टंगे एक अन्य बैनर में लिखा था, “माननीय विधायक प्रदीप कुमार दिशारी द्वारा हमारे नए दूरसंचार टावर का उद्घाटन.”

मोबाइल की नेटवर्किंग के हालात को लेकर गुस्साए ग्रामीणों में से एक तरुना दलपति ने कहा कि राजनेताओं और उनके झूठे वादों के खिलाफ विरोध करने का हमारा तरीका नकली उद्घाटन था. हमने यहां एक मोबाइल टावर लगाने के लिए विभिन्न राजनेताओं से कई बार अनुरोध कर चुके हैं. यहां हम सभी, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को मोबाइल कनेक्टिविटी के बिना बहुत परेशानी होती है. हमारे अनुरोधों पर किसी ने गौर नहीं किया. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले राजनेता बहुत सारे वादे लेकर आते हैं, लेकिन चुनाव संपन्न होते ही वे सब भूल जाते हैं. अब तक हम सभी अपने अनुरोधों के साथ बेहद विनम्र रहे हैं, लेकिन इस बार हम चाहते थे कि राजनेता झूठे वादे करने के लिए शर्मिंदा महसूस करें.

चार बार सौंप चुके हैं ज्ञापन

कुछ अन्य ग्रामीणों का कहना था कि पिछले साल ही उन्होंने विधायक और जिला अधिकारियों को कम से कम चार ज्ञापन सौंपकर अपनी ग्राम पंचायत के लिए मोबाइल टावर लगाने का अनुरोध किया था.

फोन करने जाना पड़ता है चार किमी दूर

ग्रामीणों का कहना है कि बीएसएनएल नेटवर्क की कनेक्टिविटी इतनी खराब है कि उन्हें फोन करने के लिए पहाड़ी इलाकों से कम से कम चार किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है.

फोन के आभाव में समय पर नहीं पहुंचती है एंबुलेंस

तरुना दलपति ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा समय पर अस्पताल नहीं ले जाने के कारण हाल ही में एक 27 वर्षीय गर्भवती महिला की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि वह बहुत दर्द में थी. आसपास कोई वाहन नहीं था. एंबुलेंस बुलाने के लिए काफी दूर पैदल चलना पड़ा. अगर एम्बुलेंस से समय पर संपर्क कर पाते तो हम उसे बचा सकते थे.

नेताओं का होगा बहिष्कार

नाराज एक निवासी ने कहा कि अब बहुत हो चुका है. हम किसी भी विधायक या मंत्री को तब तक अपने गांव नहीं आने देंगे जब तक असली मोबाइल टावर नहीं लग जाता और अगर वे आते हैं तो इसका विरोधा होगा और अंडे फेंके जा सकते हैं.

मैंने अपना काम कर दिया है – विधायक

लांजीगढ़ से बीजद विधायक प्रदीप कुमार दिशारी ने इस अव्यवस्था के लिए विपक्ष को दोषी ठहराते हुए कहा कि एक टावर स्थापित करने के लिए केंद्र से मंजूरी की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि मैंने मामले से जिलाधिकारी को अवगत करा दिया है. मेरा काम पूरा हो गया है और हम ऊपर से अनुमति का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही ऊपर से अनुमति मिलेगा वैसे ही टावर लगने का काम शुरू हो जायेगा, लेकिन यह केंद्र सरकार के निर्भर है.

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