पुरी. पुरी जिले के कृष्णप्रसाद प्रखंड के नुआपड़ा (चिलिका) के नतासाही गांव के आसपास मृत कौवे पाये जाने से स्थानीय निवासियों में बर्ड फ्लू का डर फैल गया है. बताया गया है कि पिछले चार दिनों से मृत कौवे पाये जा रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि शनिवार को उन्होंने गांव और उसके आसपास लगभग 15 से 20 कौवे और देसी मुर्गे की लाशें देखीं. कल मिले मृत कौवे की संख्या और भी अधिक थी. यह संख्या में लगभग 30 थी. कुछ ग्रामीणों ने बताया कि पक्षी बिना किसी कारण के अचानक शाखाओं से गिर रहे हैं. उन्हें डर है कि यह बर्ड फ्लू के प्रकोप के कारण हो सकता है. गांव के एक पोल्ट्री फार्म के मालिक ने मीडिया से कहा कि उसने इस व्यसाय को शुरू करने के लिए महिला एसएचजी से कर्ज लिया था. मैंने इसकी शुरुआत 40-50 मुर्गियों से की थी. अब तक करीब 20 से 25 मुर्गियों की मौत हो चुकी है और हम उन्हें दफना रहे हैं. कौवे भी मर रहे हैं. हालांकि इस संबंध में वन विभाग व पशु चिकित्सा अधिकारियों की ओर से प्रतिक्रिया आना बाकी है. गौरतलब है कि शनिवार सुबह खुर्दा जिले के टांगी वन परिक्षेत्र के रतमाती गांव के पास एक खेत में सैकड़ों प्रवासी पक्षी कथित तौर पर मृत पाए गए थे. सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पक्षियों के शवों के सैंपल लिए. अधिकारियों की राय थी कि यह शिकारियों द्वारा जहर देने का मामला हो सकता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि मौत के असली कारण का पता पोस्टमार्टम के बाद ही चलेगा.
इस संबंध में टांगी रेंज (वन) अधिकारी ने बताया कि खेत में करीब 30 से 40 लाशें पड़ी मिलीं. अधिकारी ने कहा कि ब्रह्मपुर, बालुगां और भुवनेश्वर में प्रवासी पक्षियों के मांस की मांग के कारण चिलिका और आसपास के इलाकों में अवैध शिकार गतिविधियों में वृद्धि हुई है.